महाराष्ट्र की हालत ख़राब हैं लेकिन उद्धव सरकार दूसरे राज्यों में कमी निकलने से बाज नहीं आ रही है

उद्धव की Covid Task Force अन्य राज्यों के आंकड़ों की करेगी जांच

अगर कोई कहे कि आपके घर की दीवारों का रंग उतर गया है, तो आप क्या करेंगे? जाहिर तौर पर दोबारा उसे ठीक पेंट कराएंगे, न कि पड़ोसी के खंडहर घर से तुलना कर उस घर के बुरे हाल की वजह जानने के लिए आर्किटेक्ट को बुलाएंगे, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके कैबिनेट मंत्रियों की कुछ अलग ही राह पर हैं।

जब उनके शासन काल में महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा कोरोनावायरस से केस आ रहे हैं तो वो अपने यहां केसों को कंट्रोल करने से ज्यादा उत्सुक इस बात के लिए हैं कि दूसरे चुनावी राज्यों में कोरोनावायरस कम क्यों हैं, और इसीलिए उन्होंने एक टास्क फोर्स का गठन किरा जो कि उनकी उत्सुकता का समाधान करेंगी।

पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल की बात करें तो महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की विफलता कोरोनावायरस के मुद्दे पर सबके सामने आई है। ऐसा नहीं है कि इसके लिए उद्धव ठाकरे या शिवसेना ही जिम्मेदार है, बल्कि सरकार में शामिल कांग्रेस और एनसीपी भी बराबर इस कोरोनावायरस के विस्तार की जिम्मेदारी पार्टियां हैं।

ऐसे में अब महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने कहा है कि चुनावी राज्यों में भारी भीड़ जमा होने के बावजूद कोरोनावायरस क्यों नहीं फैल रहा है, इसे पता लगाने के लिए टास्क फोर्स बनाई जाएगी।

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इस मुद्दे पर असलम शेख का कहना है कि एक टास्क फोर्स इस लिए लगाई गई है कि आखिर चुनवी राज्यों में कोरोनावायरस की रफ्तार कम क्यों है। उन्होंने कहा, “हमने कोविड-19 टास्क फोर्स (Covid-19 Task Force) से यह स्टडी करने के लिए कहा है कि केवल महाराष्ट्र में मामले क्यों बढ़ रहे हैं और उन राज्यों में नहीं बढ़ रहे, जहां चुनाव हो रहे हैं। कई मंत्री वहां बड़े पैमाने पर सभाएं कर रहे हैं, लेकिन वहां कोरोना वायरस के मामलों में कोई उछाल नहीं है।”

साफ है कि इस मामले में उद्धव सरकार अपने राज्य में कोरोनावायरस के केसों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। एक तरफ जहां महाराष्ट्र में शुक्रवार को करीब 63 हजार से नए केस सामने आए हैं, तो दूसरी देश में कोरोनावायरस के मामले प्रतिदिन 2 लाख केस की दर से बढ़ रहे हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे इस बात में व्यस्त है कि कोरोनावायरस के मामले चुनाव वाले राज्यों खास कर बंगाल से क्यों नहीं आ रहे हैं। उद्धव और उनके मंत्रियों को अब चुनाव और राजनीति में ज्यादा उत्सुकता हैं, भले ही अपने राज्य में स्थितियां बद से बदतर हो जाएं।

उद्धव ठाकरे के मंत्री इस मुद्दे पर बयान देकर साफ कर रहे हैं कि महाराष्ट्र की टास्क फोर्स अब दूसरे राज्यों में कोरोनावायरस न बढ़ने के कारणों को तलाशेगी, और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक महाराष्ट्र को अपनी स्थिति सुधरने के लिए इंतजार करना चाहिए।

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