जब से डासना जिले के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस्लामिस्टों के खिलाफ बोलना शुरू किया है, तब से यह समुदाय विशेष उनके खिलाफ तरह- तरह के पोस्टर निकाल रहा है और लोगों को भड़काने की पूरी कोशिश हो रही है। ऐसा ही एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल रहा है, जिसमें यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी का सिर कलम किया हुआ दिखाया गया है। पोस्टर पर लिखा गया है- एक ही सजा, सिर तन से जुदा। इसके बाद अब पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
https://twitter.com/NarsinghVani/status/1381603861819879427?s=20
नरसिंहानंद सरस्वती नाम के एक अकाउंट ने ट्विटर पर उत्तर प्रदेश पुलिस को टैग करते हुए उन पोस्टर्स के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई, जिसके बाद पुलिस ने विवादित पोस्टर को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने ट्वीट किया कि, “दिनांक 12.04.2021 को कानपुर में एक आपत्तिजनक और धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर को लगाए जाने के सम्बन्ध में FIR दर्ज की गई है। थाना : चमनगंज धारा : 153 A, 295 A भादवि विवेचना कर आरोपियों की पहचान की जा रही है , तदनुसार कार्यवाही की जाएगी।“
दिनांक 12.04.2021 को कानपुर में एक आपत्तिजनक व धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्टर को लगाए जाने के सम्बन्ध में FIR दर्ज की गई है।
थाना: चमनगंज
धारा: 153 A, 295 A भादवि
विवेचना कर आरोपियों की पहचान की जा रही है , तदनुसार कार्यवाही की जाएगी। @Uppolice— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) April 13, 2021
उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अब इन इस्लामिस्टों की खैर नहीं। FIR दर्ज होने के बाद इन अपराधियों को जल्द ही सलाखों के पीछे देखा जायेगा। बता दें कि यति नरसिंहानंद सरस्वती और वसीम रिजवी को लेकर जारी पोस्टर को सोशल मीडिया में काफी शेयर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश की बालाघाट में भी उनके खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे। 9 अप्रैल को मध्य प्रदेश के बालाघाट में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के 4 लोगों को यति नरसिंहानंद के पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। महंत के पोस्टर लगाए जाने पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की तरफ से शिकायत की गयी थी। सभी गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ धारा 153-A, 295-A और 34 के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है।
इनकी पहचान मातिन अजहरी, शोएब खान, कासिम खान और रजा खान के तौर पर हुई थी। गिरफ्तारी का विरोध करते हुए AIMIM के जिला प्रभारी नाजिम खान ने कहा था, “पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, हमारे समुदाय के चार सदस्यों को उनका पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।”
बता दें कि कुछ दिनों पहले यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने गैर मुस्लिमों पर किये जा रहे अत्याचारों पर सवाल उठाया था। साथ ही कट्टरपंथी इस्लाम के साथ साथ पैगंबर मुहम्मद की कथित तौर पर आलोचना भी की थी। इसके बाद से ही यति नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ़्तारी से लेकर उनके सिर कलम करने तक की मांग उठने लगी।
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बरेली में तो बेहद उग्र प्रदर्शन देखने का मिले, जहां यति नरसिंहानंद सरस्वती का सिर कलम करने की मांग जोरों-शोरों से उठी थी। इस मामले में बरेली में रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) ने जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया था। वहीं वासिम रिजवी ने जब से सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयातों को हटाने की मांग की है, उसके बाद से इस्लामिस्ट लगातार उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।