सुनंदा पुष्कर की मृत्यु स्वाभाविक थी या थी हत्या ? आने वाला है कोर्ट का बड़ा फैसला

अब तक राजनीतिक पकड़ के चलते गिरफ्तारी से बचे रहे थरूर

सुनंदा पुष्कर

सुनंदा पुष्कर केस में दिल्ली की एक अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने और घरेलू हिंसा की धाराओं में मुकदमा चलाया जाए। कोर्ट इस मामले में 29 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगा।

बता दें कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के पांच सितारा होटल लीला में संदिग्ध परिस्थितियों में सुनंदा पुष्कर की मौत हो गई थी। सुनंदा की मौत के बाद उनके पति शशि थरूर पर उनका मानसिक उत्पीड़न करने और हत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे थे। सुनंदा की मौत से पहले उनकी पाकिस्तान पत्रकार मेहर तरार के साथ भी ट्विटर पर तकरार हो चुकी थी।

बता दें कि मेहर तरार पाकिस्तान की महिला पत्रकार हैं और लाहौर में रहती हैं। थरूर और तरार की मुलाकाल दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। सुनंदा ने तरार पर आरोप लगाया था कि जब वे (सुनंदा) इलाज के लिए गई थीं, तब तरार ने उनके पति का ‘पीछा’ किया और उनकी शादी ‘तोड़ने’ की कोशिश की। उन्होंने कुछ समाचार पत्रों से कहा था कि वह थरूर के कथित विवाहेतर संबंधों को लेकर उनसे तलाक लेने के बारे में सोच रही थीं।

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 हालांकि पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार ने थरूर के साथ किसी भी तरह के संबंध होने के आरोपों को खारिज कर दिया । उस समय सुनंदा ने मेहर तरार पर यह आरोप लगाया था कि वह ISI की एजेंट हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मेहर उनके पति और उनके कंप्यूटर को हैक करने की कोशिश कर रही थी। सुनंदा ने यहां तक कहा था कि वह इस मामले को भारतीय दूतावास और पाकिस्तानी दूतावास के साथ उठाएंगी, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। इन आरोपों के बाद सुनंदा पुष्कर का शव होटल लीला के रूम में मिला था।

जब दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच शुरू की और सुनंदा पुष्कर की डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, तब तक इस मामले को आत्महत्या का मामला ही माना जा रहा था, लेकिन AIIMS के डॉक्टरों की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि सुनंदा पुष्कर के शरीर पर चोट के निशान थे। हालांकि यह तय नहीं हो सका कि उनकी मृत्यु किसी चोट की वजह से हुई है अथवा नहीं।

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 सुनंदा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी मृत्यु ड्रग के ओवरडोज़ के कारण हुई थी। इसके बाद दिल्ली के SDM द्वारा मामले की जांच नए सिरे से करने का आदेश दिया गया और यह पता लगाने को कहा गया कि यह हत्या है या आत्महत्या। कई तरह की शंकाएं इसलिए भी उठीं, क्योंकि त्रिवेंद्रम के जो डॉक्टर, सुनंदा का पूर्व में इलाज कर रहे थे, उन्होंने बताया कि सुनंदा को ऐसी कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, जिसे लेकर ड्रग का ओवरडोज संभव हो।

सुनंदा पुष्कर ने मरने से 12 घंटे पहले अपनी मौत को लेकर आशंका जताई थी। सुनंदा के नौकर नारायण ने बताया की थरूर और सुनंदा की आपस में लड़ाई होती रहती थी। नारायण ने यह भी खुलासा किया था कि सुनंदा ने मरने से पहले थरूर को धमकी दी थी कि वह उनके बारे में खुलासे कर देंगी और उनको बर्बाद कर देंगी। हालांकि कुछ भी खुलासा होने से पहले सुनंदा की मौत हो गई।

सुनंदा पुष्कर केस में 29 अप्रैल को दिल्ली की अदालत यह फैसला सुनाएगी कि शशि थरूर पर कोई मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं। गौरतलब है कि पिछले 7 सालों में थरूर को पुलिस ने एक बार भी गिरफ्तार नहीं किया है, इसमें उनकी राजनीतिक पकड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में कोर्ट का आदेश इस मामले को नया मोड़ दे सकता है।

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