“हमारे एरिया में घुसे तो गोले से उड़ा देंगे”, Chinese Drones की घुसपैठ के बदले ताइवान की खुली धमकी

चीन

बुधवार को ताइवान सरकार के एक मंत्री ने चीन को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ताइवान ने उसके Pratas द्वीपों के आसपास चीनी drones की मौजूदगी को दर्ज किया है और अगर ये चीनी drones ताइवान के बेहद नजदीक आते हैं तो इनके परखरच्चे भी उड़ाए जा सकते हैं।

अमेरिका में बाइडन के सत्ता में आने के बाद से ताइवान को लेकर अमेरिकी सरकार लगातार कमजोर रुख अपना रही है। बाइडन प्रशासन ने आते ही One China Policy के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी, जिसके कारण ताइवान चीन विरोधी लड़ाई में अमेरिका का साथ खोता जा रहा है। हालांकि, अमेरिका के इतर जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने खुलकर ताइवान का साथ दिया है, जिसके चलते ताइवान को अब चीन के खिलाफ इस प्रकार के कड़े बयान जारी करने का हौसला मिला है।

ताइवानी कोस्ट गार्ड से संबन्धित Ocean Affairs Council के अध्यक्ष Lee Chung Wei के मुताबिक “अभी तक Chinese drones ने हमारी वायुसीमा का उल्लंघन नहीं किया है, वे एक निश्चित दूरी तक ही उड़ान भरते हैं। ताइवानी कोस्ट गार्ड ने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कुछ नियम बनाए हुए हैं। अगर कोई चीनी ड्रोन Restricted Zone में घुसपैठ करता है तो हम अपने तरीके से निपटेंगे। अगर हमें उनपर गोली दागनी पड़े तो हम उससे हिचकिचाएँगे नहीं।”

बता दें कि Pratas द्वीपों पर चीन और ताइवान के बीच लगातार विवाद देखने को मिल रहा है। इन द्वीपों के आसपास चीनी वायुसेना ने अपनी गतिविधियों को कई गुना बढ़ा दिया है, जिसके कारण ताइवान ने चीन के साथ अपना विरोध भी जताया है। चिंताजनक बात यह है कि Pratas द्वीपों के आसपास ताइवान की कोस्ट गार्ड की कोई खास मौजूदगी नहीं है और न ही वहाँ ताइवान के लोग रहते हैं। ऐसे में चीन कभी भी इन द्वीपों पर धावा बोलकर ताइवान की स्थिति को कमजोर कर सकता है।

ऐसे में ताइवान ने जिस प्रकार चीनी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया है, वह अप्रत्याशित है। हाल ही में ताइवान ने यह भी स्वीकार किया था कि वह चीनी खतरे से मुक़ाबले के लिए बड़े पैमाने पर मिसाइलों का उत्पादन कर रहा है। स्पष्ट है कि जिस प्रकार अमेरिका छोड़कर Quad के बाकी देशों से ताइवान को खुला समर्थन मिल रहा है, उसने ताइवान के आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा दिया है। जापान पहले ही कह चुका है कि अगर ताइवान के खिलाफ चीन कभी आक्रामकता दिखाता है तो वह उसके बचाव के लिए अपनी Defence forces भेज सकता है।

इसके साथ ही अब ताइवानी सरकार बीजिंग का मुक़ाबला करने के लिए एक submarine फ्लीट भी तैयार कर रही है, जिसके तहत ताइवान करीब 8 सबमरीन को विकसित करेगा। एक सबमरीन का निर्माण तो पिछले महीने भी शुरू भी हो चुका है। वर्ष 2025 तक पहली सबमरीन बनकर तैयार होने की संभावना है।

बाइडन के कमजोर रुख के कारण अमेरिका दुनियाभर में अपने साथी खोता जा रहा है, जिसमें ताइवान भी शामिल है। ताइवान जैसे देश अब अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद अपने हाथों में ले रहे हैं, जिसमें जापान और भारत जैसे देश खुलकर ताइवान का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे समय में चीनी drones को गोलियों से मार गिराने जैसे साहसिक बयान का सामने आना दिखाता है कि ताइवान अब चीनी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटने वाला!

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