“बिजली नहीं होगी तो रात में वो क्या करेंगे”, बदरुद्दीन अजमल ने बताया जनसंख्या विस्फोट के पीछे का कारण

बदरुद्दीन अजमल

[PC:NewLiveTV]

देश की राजनीति में कुतर्कों की भी अपनी अलग ही जगह है, क्योंकि कुछ नेताओं ने अपने कुतर्कों और आपत्तिनक बयानों के जरिए मीडिया में बने रहने की ठान रखी है। नाम तो कई हैं, लेकिन असम में अल्पसंख्यकों की राजनीति करने के लिए कुख्यात AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने तो अपने एक बयान में हद ही कर दी है। उन्होंने देश में जनसंख्या वृद्धि के लिए सुविधाओं की कमी को सबसे बड़ा कारक माना है। उनके मुताबिक बिजली जाने के कारण जनसंख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि होती है। पहली नजर में ये बयान हास्यासपद लग सकता है, लेकिन उनका ये बयान उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है।

असम में विधानसभा चुनावों को लेकर बिसात बिछी हुई है। ऐसे में जनसंख्या विस्फोट के मुद्दे पर मीडिया द्वारा सवाल पूछा गया तो कांग्रेस के साथ गठबंधन की पार्टी AIUDF के नेता बदरुद्दीन अजमल ने पहले तो कुछ ठीक बात कही, लेकिन बाद में वो कुतर्कों की ओर बढ़ गए। उन्होंने कहा, “पॉपुलेशन एक समस्या है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। सॉल्युशन यही है कि लोगों को तालीम दो, एजुकेट करो, पढ़ाओ। जब वो पढ़-लिख लेंगे तो अपने अच्छे-बुरे को खुद समझेंगे। अजमल ने पहले सही बयान दिया फिर एक अजीबो-गरीब बयान देकर अपनी विकृत मानसिकता का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिया।

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बदरुद्दीन अजमल ने अजीबो-गरीब तर्क देते हुए कहा, “उनको एंटरटेनमेंट के लिए आपने क्या दिया? क्या टेलीविजन उनके पास है? रहने के लिए घर तक नहीं है। उनके पास हवा के लिए पंखा नहीं है। करंट नहीं है, बिजली नहीं है। इंसान हैं वो भी। गरीब जब रात को उठेगा, मियांबीवी हैं, दोनों जवान हैं। क्या करेंगे? बच्चे ही तो पैदा करेंगे ही और क्या करेंगे?” अजमल के इस बयान से साबित होता है कि वो जनसंख्या नियंत्रण के लिए कितने संवेदनशील हैं।

ऐसा राजनेता जो कि सुविधाओं के अभाव में जनता द्वारा जनसंख्या बढ़ाने की नीति को मनोरंजन बताकर उसे सही ठहरा रहा है, वो असल में अगर सत्ता में आ भी जाता है तो ये सोचना गलत होगा कि वो जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई सख्त कदम उठाएगा। इस तरह की बातों को हवा देने वाले नेताओं के खिलाफ जनता को आवाज उठानी हो होगी, ताकि इन जैसे लोग तो सत्ता से कोसों दूर ही रहें, लेकिन सबसे बड़ा सवाल कांग्रेस के लिए है।

बदरुद्दीन अजमल के इस बेतुके बयान के बाद सबसे बड़ा सवाल कांग्रेस से होना चाहिए। असम के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम वोटों को निशाना बनाते हुए ही कांग्रेस ने अजमल की पार्टी AIUDF के साथ गठबंधन किया है। कांग्रेस अपने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए राज्य की राजनीति की मुख्यधारा में ऐसे कट्टरपंथी लोगों को मंच दे रही है जो कि लोगों को प्रगति नहीं, बल्कि दकियानूसी रिवाजों की तरफ ले जाने की सोच रखते हैं और ये न केवल असम बल्कि पूरे देश के लिए चिंताजनक बात है, और ऐसा नहीं है कि अजमल ने पहली बार ये बयान दे दिया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि कानूनी प्रावधानों के बावजूद मुस्लिम बच्चे पैदा करते रहेंगे।

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बदरुद्दीन अजमल उन्हीं नेताओं की लिस्ट में आते हैं जिसमें एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और सपा नेता आजम खान शामिल हैं। ये नेता भले ही आज की राजनीति में विलुप्त होते जा रहे हैं, लेकिन अब इनके खिलाफ जनता को सख्त संदेश देना होगा, जिससे इन नेताओं को सबक मिलेगा।

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