कहते हैं, जो होता है, अच्छे के लिए होता है। द वायर की स्टार पत्रकार रोहिणी सिंह ने कल रात बताया कि क्लबहाउस एप पर एक चैट होने वाली है, जिसमें कुछ चुनिंदा हस्ती आमंत्रित है। पहले लोगों को समझ में नहीं आया। लेकिन आज सुबह जब उसी एप पर तृणमूल काँग्रेस के चर्चित चुनावी संयोजक प्रशांत किशोर की ऑडियो चैट लीक हुई, तो न केवल उस ट्वीट का सार समझ में आया, बल्कि देश के एलीट पत्रकारों के ज्ञान और निष्पक्षता दोनों की ही पोल खुल गई।
दरअसल प्रशांत किशोर क्लबहाउस नामक एप पर एक चैट सेशन आयोजित कर रहे थे, जिसमें देश के नामी गिरामी पत्रकार मौजूद थे, चाहे वह गार्गी अंसारी हो, स्वाती चतुर्वेदी हो, रवीश कुमार हो या फिर साक्षी जोशी ही क्यों न हो। ये चैट एक प्रकार से निजी चैट थी, परंतु इस चैट में हिस्सा लेने वाले शायद ही जानते थे कि ये चैट उनकी पोल खोलने के साथ साथ उनके सामान्य ज्ञान और उनके पत्रकारिता के मापदंडों की भी धज्जियां उड़ा देगा।
उदाहरण के लिए साक्षी जोशी को ही देख लीजिए। एक आम पत्रकार के लिए इस समय क्या मायने रखता है? देश में स्वास्थ्य सुविधाएँ कैसी हैं? COVID 19 को लेके सरकार की तैयारी कैसी है? आर्थिक प्रगति को कैसे नुकसान नहीं होना चाहिए? लेकिन साक्षी जोशी के लिए यह जानना अधिक आवश्यक कि ममता बनर्जी को लघुशंका करने के लिए पर्याप समय मिलता है कि नहीं?
Sigh! This Sakshi Joshi person actually thinks she is asking a very intelligent question! pic.twitter.com/7WAiKB1gLo
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) April 10, 2021
यह मज़ाक नहीं है, बिल्कुल शत प्रतिशत सत्य है। इस प्रश्न से कई श्रोता इतने हक्के बक्के हो गए कि स्वयं प्रशांत किशोर भी बोल पड़े, “क्या इस प्रश्न का उत्तर भी मुझे देना पड़ेगा?” लेकिन ये तो मात्र शुरुआत थी, क्योंकि अपने देश के सबसे ‘निष्पक्ष’ पत्रकार को भी अपने ज्ञान का सार्वजनिक प्रदर्शन करना बाकी था!
रवीश कुमार के लिए इस समय सबसे अहम प्रश्न यह है कि मोदीजी के विरुद्ध लोग उतने उग्र क्यों नहीं है जितने वे खुद है? रवीश कुमार के अनुसार, “मेरा सवाल यह है कि इतना भीषण आर्थिक संकट होने के बावजूद मोदी के विरुद्ध एंटी इन्कमबेन्सी नहीं है। ऐसा क्यों नहीं है?”
Candid Confessions in the Clubhouse
MODI IS VERY POPULAR !! pic.twitter.com/N65jzFvuWN— Sambit Patra (Modi Ka Parivar) (@sambitswaraj) April 10, 2021
इसपे प्रशांत किशोर ने आईना दिखाते हुए कहा, “देखिए, आप इस बात को नकार नहीं सकते कि मोदी जी देशभर में काफी लोकप्रिय है। डिग्री थोड़ी इधर उधर हो सकती है, लेकिन मोदी जी की बंगाल में लोकप्रियता काफी है, और देशभर में 20 से 25 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए नरेंद्र मोदी भगवान है। यहाँ बंगाल में जितनी लोकप्रिय ममता है, उतने ही लोकप्रिय मोदी भी हैं। तो आपको मानना ही पड़ेगा, मोदी इज़ पॉपुलर!”
इतना ही नहीं, इन पत्रकारों ने अपने आप को ‘ब्राइट विंग’ जताने का प्रयास भी किया। इसी चैट में कुछ लोग अपने जैसे पत्रकारों को ‘ब्राइट विंग’ का दर्ज दे रहे थे, और शायद वे इतने ब्राइट थे कि उन्होंने एक सीक्रेट औडियो चैट को पब्लिक कर दिया, जिससे केवल वही नहीं, पूरा देश उनकी बातों को सुन भी रहा था और समझ भी रहा था।
इस क्लबहाउस चैट ने दो बातें स्पष्ट कर दी है – तृणमूल की हार तय है और हमारे देश के कथित निष्पक्ष पत्रकारों का पत्रकारिता से उतना ही लेना देना है जितना राहुल गांधी का कॉमन सेंस से और शी जिनपिंग का लोकतंत्र से। लेकिन जिस प्रकार से हमारे देश के एलीट पत्रकारों के ज्ञान को पूरी दुनिया के सामने एक्सपोज़ किया गया है, उससे इनपर एक कहावत स्पष्ट चरितार्थ होती है, “ऊंची दुकान, फीका पकवान।