पीएम केयर्स फंड और ऑक्सीजन की खपत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल का अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। जिस फंड के पैसे को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर सबसे ज्यादा निशाने साधे थे और पारदर्शिता का मुद्दा उठाया था, वही पीएम केयर्स फंड अब कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मददगार साबित होने वाला है। इसकी बड़ी वजह ये है, क्योंकि देश में अब ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए 551 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को स्थापित किया जायेगा। ये प्लांट गांव-गांव तक में ऑक्सीजन में होने वाली खपत को पूरा करेंगे।
कोरोनावायरस की दूसरी लहर के लिए पहले ही तैयारी की गई थी और प्रत्येक राज्य में ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड से पैसा भी जारी किया गया था, लेकिन वो पैसा कहां गया, राज्यों ने किसी को नहीं बताया। हम आपको बता चुके हैं कि कैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और पंजाब की सरकारों को ऑक्सीजन प्लांट के लिए जितना पैसा मिला, उसका एक प्रतिशत काम भी इन राज्यों ने नहीं किया। पारदर्शिता का मुद्दा उठाने वाले इन राज्यों में शासित राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने मिले फंड को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं दिखाई। इसी का नतीजा है कि देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में अब राज्यों की अकर्मण्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।
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दरअसल, अब प्रधानमंत्री ने बड़ा फैसला लेते हुए देश भर के लगभग-लगभग सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात कह दी है। महत्वपूर्ण बात ये हैं कि इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए पैसा कहीं और से नहीं बल्कि पीएम केयर्स फंड से ही जारी किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है कि इन प्लांट्स को जल्द-से-जल्द जनसेवा के लिए चालू कर दिया जाना चाहिए। ये सभी प्लांट्स जिला स्तर पर ऑक्सीजन की खपत की पूर्ति करने में सबसे अधिक मददगार होंगे।
Oxygen plants in every district to ensure adequate oxygen availability…
An important decision that will boost oxygen availability to hospitals and help people across the nation. https://t.co/GnbtjyZzWT
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2021
इस मामले में मोदी सरकार और केंद्र का कहना है कि जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने के फैसले का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक मजबूत करना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि इनमें से हर अस्पताल में कैप्टिव ऑक्सीजन पीढ़ी की सुविधा हो। इन-हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन की सुविधा इन अस्पतालों और जिलों की दिन-प्रतिदिन मेडिकल ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करती है, इसलिए इन प्लांट्स के जरिए अस्पतालों की ऑक्सीजन की दिक्कतें पूर्णतः दूर हो जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नए प्रोजेक्ट को लेकर मिली जानकारी के अनुसार, ये ऑक्सीजन प्लांट्स देश के सभी राज्यों के अलग-अलग जिलों में जिला मुख्यालयों के चिह्नित अस्पतालों में स्थापित होंगे। इनके लिए खरीद की प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से ही संपन्न होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इतने संवेदनशील होने की वजह केवल ये हैं कि जब राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन की संभावित मांग के संबंध में ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने के लिए आवश्यक पैसा दिया गया, तो राज्य सरकार ने अपने भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता से लोगों का जीवन जोखिम में डाला, उसी का परिणाम आज जनता भुगत रही है।
ऐसे में प्रधानमंत्री पीएम केयर फंड के जरिए इस पूरे प्रोजेक्ट पर अपनी नजर रख रहे हैं। इतना ही नहीं इस प्रोजेक्ट के लिए पीएम केयर फंड का पैसा खर्च होना उन सभी के मुंह पर तमाचा है जो कल तक पीएम केयर फंड में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे। पीएम केयर फंड से ही मोदी सरकार ने देश के लिए वेंटिलेटर और स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम किया है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण अब ये 551 ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट्स होंगे।