अपनी घटिया पत्रकारिता से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने एस जयशंकर को एक्शन लेने पर मजबूर कर दिया है

देश में कोरोनावायरस की लहर ने लोगों को खौफ की स्थिति में ला दिया है, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर लगातार खबरें टीवी चैनलों पर दिखाई भी जा रही हैं, लेकिन इन सबके विपरीत अंतरराष्ट्रीय मीडिया भारत में कोरोना की खबरों को लेकर लगातार नकारात्मक एजेंडा और तस्वीरें प्रकाशित कर रहा है, जिसके चलते अब देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेशों में मौजूद भारतीय राजदूतों के साथ वर्चुअल बैठक में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने एकतरफा रिपोर्टिंग की है, जिसके चलते उसे काउंटर करने की आवश्यकता है। उनका ये बयान इस बात का साफ संकेत है, कि अब एस जयशंकर इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।

कोरोनावायरस की दूसरी लहर को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने जो रिपोर्टिंग की है, उसका सीधा अर्थ यही रहा है कि मोदी सरकार कोरोनावायरस को रोकने में विफल रही है। ऐसे में अब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया के अलग-अलग देशों में मौजूद भारतीय राजदूतों के साथ वर्चुअल बैठक कर एक बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया मोदी सरकार की नीतियों को फेल बता रही है, जो कि आपत्तिजनक है।

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इस वर्चुअल बैठक में कुछ खास अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों की रिपोर्टिंग की तरफ जयशंकर ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है, जिनमें न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्जियन, ले मोंडे, वॉल स्ट्रीट जर्नल और स्ट्रेट्स टाइम्स जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अखबार शामिल हैं। इन सभी ने अपनी रिपोर्ट्स में दिखाया है कि देश में कोरोनावायरस की स्थिति भयावाह होती जा रही, और मोदी सरकार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में व्यस्त थी, वहीं उत्तराखंड की सरकार कुंभ का बड़े स्तर पर आयोजन कर रही थी।

इतना ही नहीं इस बैठक में बताया गया कि कैसे अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनलों ने ये दिखाया है कि भारत में कोरोना से संबंधित तैयारियों में कमी है, अस्पतालों के बाहर इंतजार कर रहे मरीज दम तोड़ रहे हैं। बैठक में इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख हुआ है कि कैसे इन अखबारों ने श्मशान घाटों और शवों की तस्वीरें ड्रोन से क्लिक करके अपने मुख्य पृष्ठों पर प्रकाशित की है और प्राइम टाइम शोज में भी चलाईं हैं, जो भारत की छवि को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।

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विदेशी मंत्री एस जयशंकर द्वारा बुलाई गई इस बैठक में विभिन्न देशों में रह रहे भारत के राजदूतों के साथ ही राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और कोविड -19 संकट से निपटने वाले अधिकारी भी शामिल थे। इस बैठक में बताया गया कि अलग-अलग देशों से ऑक्सीजन कंटेनर, कंसंट्रेटर्स, वेंटिलेटर, ड्रग्स और वैक्सीन सहित संसाधनों को जुटाने में भारत किस कदर प्रयास कर रहा है, जिससे कि जल्द से जल्द कोरोना के इस तांडव पर लगाम लगाई जा सके।

एस जयशंकर द्वारा ये कदम अचानक नहीं उठाया गया है। दरअसल, भारत के खिलाफ कोरोना के मुद्दे पर काफी समय से विदेशी मीडिया भ्रामक खबरें फैला रही हैं। श्मशान घाटों के ऊपर की ड्रोन तस्वीरें प्रसारित कर भारत और मोदी सरकार की विफलता क़े रूप में दिखाया जा रहा है। ऐसे में एस जयशंकर का सब्र अब जवाब दे गया है। अभी तो उन्होंने इस मुद्दे पर केवल अपने राजदूतों के साथ बैठक कर सारी स्थिति साझा की है, लेकिन उनके विदेशी विदेशी मीडिया पर उनके गुस्से को लेकर ये कहा जा सकता है कि एस जयशंकर इन मीडिया संस्थानों पर कोई सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर रहे हैं।

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