कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे प्रकोप के कारण राज्यों के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं जैसे ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाइयों को भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अगर किसी मरीज की जान इन बुनियादी सुविधाओं का समय पर न मिलने की वजह से जाती है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे ही एक घटना सामने आई है, जिसमें आंध्र प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल में शनिवार को 14 से ज्यादा कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई।
बता दें कि, शनिवार को सुबह 9 बजे से आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के सरकारी अस्पताल में 14 से अधिक COVID-19 से जूझ रहे मरीजों को ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान गवानी पड़ी। उसके बाद सोशल मीडिया और TV News की रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 10 और लोगों की ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल में मौत हो गई। हालांकि, जिला कलेक्टर गंधम चंद्रुडु ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है।
यह मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गई। क्षेत्र के MLA के पास मरीजों ने फोन कर अपनी जान ही गुहार लगानी शुरू कर दि। विधायक अनंत वेंकटरामी रेड्डी ने द हिंदू से इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, “मैंने GGH अधीक्षक केएसएस वेंकटेश्वर राव और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर को ऑक्सीजन के लो प्रेशर के बारे में बात किया था। उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया, लेकिन शाम को हुई मौतों के बाद, उन्होंने इस समस्या को खुद ही ठीक कर लिया”
शनिवार शाम 7 बजे, संयुक्त कलेक्टर निशांत कुमार और अन्य जिला अधिकारियों ने अस्पताल जाकर 13KL LMO टैंक और वेपोराइज़र से ऑक्सीजन पाइप लाइन को ठीक करने की कोशिश की। पहले LMO टैंक मैकेनिक को बुलाया गया था, लेकिन वहां सब कुछ ठीक था फिर 7.30 बजे तक उन्होंने उन स्थानों की पहचान की जहां समस्या थी और रात 9 बजे तक वहां की मरम्मत का काम चला।
न्यूज 18 ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, “ज्वाइंट कलेक्टर निशांत कुमार ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। सभी मरीजों की मौत गंभीर कोरोना के कारण हुई है। हमारी टीम ने ऑक्सीजन प्लांट की जांच की है। हर वार्ड का दौरा कर एक-एक प्वाइंट और वॉल्व को चेक किया गया है। कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं है।ऑक्सीजन प्लांट का प्रेशर भी सही है और सप्लाई में भी किसी भी तरह की कोई दिक्कत महसूस नहीं की गई है।”
ज्वाइंट कलेक्टर के साथ हॉस्पिटल प्रशासन भी मौत के पीछे ऑक्सीजन की कमी की बात को अफवाह बता रहा है। वहीं अस्पताल में मौजूद लोगों का कहना है कि कोरोना मरीजों की जान ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है।
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अगर हम पूरे घटनाक्रम को देखे तो, यह कह सकते है कि कैसे प्रशासन अपनी जवाबदेही देने की बजाय पीड़ित परिवारों को झूठा साबित करने में लगी है। इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन और कानून व्यवस्था में खामियां साफ नजर आ रही है।