‘CM रेड्डी और धर्म परिवर्तन के विरुद्ध बोलना YSR काँग्रेस के सांसद को पड़ा भारी, जेल में मिला थर्ड डिग्री टॉर्चर

जगन रेड्डी के विरुद्ध आवाज उठाना YSR काँग्रेस के बागी नेता को पड़ा भारी

YSR MP RK Raju

जगन रेड्डी के विरुद्ध आवाज उठाना YSR काँग्रेस के बागी नेता RK Raju को पड़ा भारी

हमारे देश की राजनीति का विरोधाभास ही अजब है। यहाँ एक व्यक्ति या संगठन के विरुद्ध इतने लांछन और आरोप लगाए जाते हैं, मानो इनसे अत्याचारी और निरंकुश संगठन कोई है ही नहीं। परंतु इसके उलट यदि कोई और व्यक्ति अपने संगठन या पार्टी के अनैतिक गतिविधियों के विरुद्ध आवाज़ उठाए, तो उसका हश्र कुछ वैसा ही किया जाता है, जैसे YSR काँग्रेस के बागी सदस्य और MP RK Raju को उठाना पड़ा।

इस समय YSR काँग्रेस के MP के रघुराम कृष्णम राजू (RK Raju) हिरासत में है। उनके वकील ने दावा किया है कि आंध्र प्रदेश का CID डिपार्टमेंट उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहा है और उन्हे जबरदस्त यातनाएँ भी दे रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर उनकी यातना से संबंधित तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, जहां उनकी पैर पर चोटों के गंभीर निशान है –

https://twitter.com/payalmehta100/status/1393575082312699916

रघुराम राजू आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण के धंधे का किया था विरोध

लेकिन रघुराम राजू (RK Raju) ने ऐसा भी क्या किया जिसके कारण उन्हे आंध्र प्रशासन के हाथों ही यातना झेलनी पड़ रही है? दरअसल रघुराम राजू ने आंध्र प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार, विशेषकर आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण के धंधे को लेकर उँगलियाँ उठाई थी। उनका मानना था कि जगन सरकार अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है, और यदि ऐसा नहीं है तो वे इस स्थिति पर आँखें अवश्य मूँदे हुए हैं।

YSR कांग्रेस के बागी MP RK Raju ने इतना क्या बोला, मानो पूरा आंध्र प्रशासन उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गया। अब जिस प्रकार की तस्वीरें सामने आई है, उससे स्पष्ट होता है कि रघुराम राजू पर आंध्र प्रशासन बहुत अत्याचार ढा रहा है। यदि समय रहते स्थिति नहीं संभाली गई, तो रघुराम राजू का भी वही हाल हो सकता है, जो कुछ वर्ष पहले कमलेश तिवारी का हुआ था।

अपने राज्य में हो रहे किसी गलत कार्य के विरुद्ध आवाज उठाना किस मायने में अपराध माना जाता है? परंतु YSR बागी सांसद RK Raju ने जगन सरकार की पोल क्या खोल दी, मानो उन्होंने बहुत बड़ा पाप कर दिया। अब उनके वकील ने जिस प्रकार से रघुराम को दी जा रही यातनाओं के प्रति न्यायालय को अवगत कराया है, उसपे अविलंब न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए, अन्यथा आंध्र में अनर्थ हो सकता है।

Exit mobile version