‘मीडिया कोरोना और वैक्सीन को लेकर केवल जनता को डरा रही है’, शेयर निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने भ्रामक रिपोर्टिंग के लिए मीडिया को लताड़ा

राकेश झुनझुनवाला आज तक Interview

PC: India TV Hindi

भारत के प्रखर इन्वेस्टर्स में से एक राकेश झुनझुनवाला का मोदी प्रेम किसी से छुपा नहीं है। लेकिन अन्य लोगों के मुकाबले ये समर्थन बिना किसी ठोस कारण के नहीं है, बल्कि जांच परखकर, एकदम सोच समझकर लिया गया निर्णय है। हाल ही में उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार आज तक के एंकर प्रभु चावला समेत कई मीडिया पोर्टल्स को कोविड पर भारत की दृष्टि से नकारात्मक रिपोर्टिंग करने के लिए जमकर क्लास लगाई है।

आज तक के एंकर प्रभु चावला से बातचीत के दौरान राकेश झुनझुनवाला ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस बयान को याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार जब 100 पैसे देती है तो उसमें से 15 ही गरीब के पास पहुँचता है। उन्होंने कहा कि आज स्थिति बदल गई है और सरकार जब 100 रुपए भेजती है तो गरीब के पास 85 पहुँचते हैं और मात्र 15 गुल होते हैं।

इस पर आज तक के एंकर प्रभु चावला ने राकेश झुनझुनवाला से पूछा कि क्या अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के मामले में मोदी सरकार अच्छा कार्य कर रही है? राकेश झुनझुनवाला ने इसके जवाब में स्पष्ट उत्तर दिया, “बिलकुल! मैं खुद एक कैपिटलिस्ट हूँ लेकिन मानता हूँ कि देश में विकास आएगा, तभी अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। मैं पीएम मोदी को सोशलिस्ट कहता हूँ। आप पत्रकार लोग वैसे भी मोदी सरकार के खिलाफ रहते हैं। अगर वो चुनावी रैली करें तो बुरा है लेकिन ममता बनर्जी करें तो सही है”।

लेकिन राकेश झुनझुनवाला वहीं पर नहीं रुके। उन्होंने मीडिया पर नकारात्मकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो डर फैला रही है, लाशों को दिखा रही है। राकेश के अनुसार, “एक वैश्विक महामारी से लड़ाई की बजाए मीडिया ‘ये हो जाएगा, वो हो जाएगा’ करती रहती है, जिससे बच्चे तक घबरा जाते हैं”।

यहाँ पर राकेश झुनझुनवाला ने मीडिया को आईना दिखाने का काम किया है। जिस समय मीडिया को वुहान वायरस से लड़ाई के दौरान जनता को जागरूक करना चाहिए, वहाँ हमारे देश की मीडिया उलटे लोगों में तरह तरह के भ्रम फैला रही है, वैक्सीन के विरुद्ध अफवाहें फैला रही हैं, हमारे देश की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। ऐसे में राकेश झुनझुनवाला द्वारा जिस तरह से प्रभु चावला के जरिए वामपंथी मीडिया को उसकी औकात बताई गई है, वो सराहनीय भी है और समय की परिस्थितियों की चलते आवश्यक भी।

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