अब सोशल मीडिया पर B.161.7 को ‘भारतीय वेरिएंट’ कहना पड़ सकता है भारी, सरकार ने जारी किये सख्त निर्देश

लातों के भूत बातों से नहीं मानते

इंडियन वेरिएंट पर सरकार सख्त

दुनियाभर और स्वयं भारत के वामपंथी पत्रकार सोशल मीडिया पर कोविड के नए वेरिएंट B.1.617 को भारत के नाम से जोड़कर बोलते आ रहे हैं। कुछ मीडिया हाउस ने भारत में पाए जाने वाले वेरिएंट का दर्जा दिया तो कुछ ने तो “इंडियन वेरिएंट” तक बोल दिया। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार ने भारत में कोरोनावायरस के लिए ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (आईटी मंत्रालय) ने भारत में मौजूद सभी सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर कोरोना के इंडियन वेरिएंट से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा न होने दें। भारत सरकार ने कंपनियों को इंडियन वेरिएंट से जुड़े सभी कंटेंट को डिलीट करने का निर्देश दिया है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को लिखा है कि आप अपने प्लेटफॉर्म से इंडियन वेरिएंट से जुड़ी सारी जानकारी हटा दें, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी रिपोर्ट में B.1.617 वेरिएंट को कहीं भी भारतीय वेरिएंट नहीं कहा है।

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आईटी मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में ये स्पष्ट किया कि, “इस तरह के शब्द का इस्तेमाल पूरी तरह गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपनी किसी रिपोर्ट में भारत में मिले कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट के लिए ‘इंडियन वेरिएंट’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है।”

केंद्र सरकार ने अपने आदेश में आगे कहा है कि, “भारतीय वेरिएंट’ से जुड़े सारे पोस्‍ट्स हटा दें। इसमें वे पोस्‍ट्स शामिल हैं जिनमें यह टर्म इस्तेमाल हुई हैं या उसकी ओर इशारा भी किया गया है। इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी कंपनियों को भेजी एक चिट्ठी में कहा कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में B.1.617 को ‘इंडियन वेरिएंट’ नहीं कहा है।”

आपको बता दें कि हाल ही में WHO ने कहा था कि पिछले साल भारत में पहचाने गए कोरोना वायरस का वेरिएंट B.1.617 काफी ज्यादा घातक साबित हो रहा है। इसके आधार पर मुख्यधारा मीडिया “इंडियन वेरिएंट” शब्द का प्रयोग करने लगी थी। जिसे लेकर केंद्र सरकार ने पहले भी सचेत किया था, परंतु ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते है’ वाली बात हो गई और जिसके चलते भारत सरकार को सख्त निर्देश जारी करना पड़ा है।

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बता दें कि सोशल मीडिया वेबसाइट्स और मुख्यधारा मीडिया द्वारा इस बुद्धिहीन खबर को दिखाने के खिलाफ Tfi ने कई दफा रिपोर्टिंग की है। गौरतलब है कि अब जाकर राष्ट्र हित के लिए यह प्रयास सफल हुआ है।

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