कोविड से बढ़ती मौतों को कैसे कंट्रोल करें? अशोक गहलोत सरकार की तरह कम आंकड़ों की रिपोर्ट देकर

राजस्थान सरकार की काली करतूतें आई सामने

पाली कोविड रिपोर्ट News

पाली जिले में कोविड से हुई मौतों से जुड़े आंकड़ो को लेकर गड़बड़ियाँ – रिपोर्ट

हमारे भारतीय मीडिया के दोहरे मापदंडों की जितनी चर्चा की जाए उतनी ही कम है। वुहान वायरस किसी एक राज्य में नहीं, पूरे देश में फैला हुआ है, लेकिन मीडिया की माने तो इसकी भयावहता केवल उन्हीं राज्यों तक सीमित है, जहां केंद्र में शासन कर रही भाजपा का प्रभाव है। इसके चलते जिन राज्यों में वाकई लापरवाही बरती जा रही है, उन्हें भी अपनी काली करतूतें छुपाने का भरपूर अवसर मिल जाता है, जैसे अभी राजस्थान में हो रहा है।

अभी राजस्थान के पाली जिले से आज तक द्वारा एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कोविड से हुई मौतों से जुड़े आंकड़ो को लेकर काफी गड़बड़ियाँ निकल कर सामने आ रही है। आज तक के रिपोर्ट की माने तो सरकारी आंकड़ों से कई गुना ज्यादा मौतें पाली में हुई हैं, लेकिन गहलोंत सरकार इससे पल्ला झाड़ने में जुटी हुई हैं, मानो कुछ हुआ ही नहीं।

आज तक की रिपोर्ट के अंश अनुसार, “पाली जिले में अब तक कोविड से केवल 232 मरीज़ों की मौत सरकारी रिकॉर्ड में दिखाई गई है, जबकि शहर के एक ही अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 12 लोगों की मृत्यु औसतन हो रही है। पाली के डीएम भी आंकड़ों में इन गलतियों को स्वीकार कर रहे हैं”।

अभी कुछ ही दिनों पहले बिहार में कुछ लाशें गंगा नदी में तैरती हुई दिखाई दी। बक्सर से ही करीब 100 लाशों को नदी से बाहर निकाला गया। इन्हे क्यों नदी में प्रवाहित किया गया, और ये लोग किस कारण से मरे, ये अभी जांच का विषय है, परंतु वामपंथी मीडिया ने तुरंत यूपी और बिहार को कोविड के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगा दिया, और कई संगठन तो सालों पुरानी तस्वीरों को शेयर कर यूपी प्रशासन को घेरने की जद्दोजहद में लगे हुए थे। परंतु राजस्थान के पाली जिले से निकलकर आई इस रिपोर्ट पर लगभग सभी बड़े मीडिया पोर्टल्स ने मौन साध रखा है।

अगर यह हाल राजस्थान के केवल एक जिले में है, तो सोचिए समूचे राज्य की स्थिति क्या होगी। हालांकि, यह कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि ये हाल लगभग हर उस राज्य का है, जहां पर या तो कांग्रेस की सरकार है, या फिर कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रही है, फिर चाहे वो राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, पंजाब हो या फिर महाराष्ट्र ही क्यों न हो। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि राजस्थान प्रशासन कोविड से होने वाली मौतों को अंडर रिपोर्ट कर अपने आप को आलोचना के घेरे में आने से बचने का असफल प्रयास कर रहा है।

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