“भटके हुए नौजवान”, भारत में इजरायल के खिलाफ कर रहे थे विरोध प्रदर्शन, सरकार ने भेजा जेल

Covid प्रोटोकॉल तोड़ कर इजरायल के खिलाफ हुआ प्रदर्शन

इजरायल विरोधी प्रदर्शन

जम्मू कश्मीर में इजरायल विरोधी प्रदर्शन

जम्मू-कश्मीर में 21 इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कम से कम 21 इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के समय कश्मीर में भी कुछ लोगों ने covid प्रोटोकॉल तोड़ कर इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन करने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस को यह एक्शन लेना पड़ा।

आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि,” श्रीनगर में बीस लोगों को और शोपियां में एक को गिरफ्तार किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार ​​सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर बनाये हुए हैं। कश्मीर के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में विरोध प्रदर्शन हुए है।” शनिवार को शोपियां पुलिस ने एक इस्लामिक उपदेशक, सरजन बरकाती को हिरासत में लिया है। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि इस बीच दक्षिण कश्मीर के एक धार्मिक उपदेशक सरजान बरकाती को भी ईद के मौके पर भड़काउ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह वही बरकाती है जिसे पिछले साल ही अक्टूबर में करीब चार साल के बाद रिहा किया गया था। उसी ने 2016 में आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था।

इजरायल के विरोध ग्रैफिटी बनाने वालों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है – रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के विरोध ग्रैफिटी बनाने वालों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनमें से एक “We Are Palestine” नाम से एक ग्रैफिटी बना रहा था, जिसमें फिलिस्तीन का झंडा लिए एक महिला को रोते हुए दिखाया गया था। ये “भटके हुए नौजवान” भारत में इजरायल के खिलाफ विरोधी प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे थे।

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बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले ही उन “तत्वों” के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी जो कश्मीर घाटी में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए फिलिस्तीन की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं।

अपने बयान में जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि “पुलिस कश्मीर की सड़कों पर हिंसा, अराजकता और अव्यवस्था भड़काने के लिए लोगों को उकसाने की किसी को अनुमति नहीं देगी।“

भटके हुए नौजवानो द्वारा भारत में इजरायल विरोधी प्रदर्शन

कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने कहा कि, “राय व्यक्त करना आजादी है, लेकिन सड़कों पर हिंसा भड़काना गैरकानूनी है।” उन्होंने कहा, “लापरवाही भरे सोशल मीडिया पोस्ट के परिणामस्वरूप घाटी में हिंसा फैल सकती है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।”

जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि लोगों को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन कोविड -19 महामारी के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते। देश के कई हिस्सों की तरह जम्मू और कश्मीर भी कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है और 24 मई तक केंद्र शासित प्रदेश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

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