आने वाले समय में अगर कांग्रेस पार्टी किसी चीज के लिए जानी जाएगी तो वह है- पाखंड। हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने टीकाकरण के बाद दिए जाने वाले प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाए जाने पर आपत्ति जताई थी। वहीं, अब कांग्रेस शासित प्रदेश छत्तीसगढ़ में टीका लगवाने के बाद प्रमाणपत्र पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल की तस्वीर लगी हुई है।
कांग्रेस पार्टी के इस पाखंड के बारे में जब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से पूछा गया तो उनका तर्क यह था कि, “टीकाकरण प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की तस्वीर का उपयोग नहीं किया जा रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार अब टीके की फंडिंग से पीछे हट गई है। केंद्र ने कहा है कि वे केवल 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को ही टीका उपलब्ध कराएगी बाकी के टीकों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।”
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने आगे कहा कि, “जब राज्य सरकार 18-44 वर्ष की श्रेणी के लोगों के टीकाकरण का खर्च उठा रही है, तो यह केंद्र का कार्यक्रम नहीं रह गया है। जब यह राज्य का कार्यक्रम बन गया है तो प्रमाणपत्रों पर राज्य के मुख्यमंत्री का फोटो लगाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।” आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह वही मंत्री है जिन्होंने जनवरी में केंद्र सरकार से वैक्सीन लेने से मना कर दिया था क्योंकि इन्हें भारत में निर्मित वैक्सीन की प्रभावकारिता के ऊपर संदेह था।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केवल टीका प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री की फोटो को ही नहीं हटाया है, बल्कि राज्य में टीकाकरण के पंजीकरण के लिए नया पोर्टल भी बनाया है “C G टीका“। यानी छत्तीसगढ़ में टीकाकरण का पंजीकरण भी भारत के अन्य राज्यों से अलग हो रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले पर विरोध जताते हुए बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि “छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को टीका लगाने के बजाय फोटो प्रचार पर अधिक ध्यान दे रही है। उन्होंने जो एप्लिकेशन लॉन्च किया है वह क्रैश हो गया है। केंद्र द्वारा लॉन्च की गई ऐप का इस्तेमाल पूरा देश कर रहा है, जो कि अच्छा काम कर रहा है, लेकिन सिर्फ इस फोटो नौटंकी के लिए बघेल सरकार ने यहां अपना पोर्टल लॉन्च किया है।”
कांग्रेस पार्टी इस आपदा में भी अपनी ओछी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। आप चाहे कांग्रेस पार्टी की आलाकमान को देखें या कांग्रेस शासित राज्यों को। इन्होंने कोरोना महामारी से इस लड़ाई को आसान बनाने की बजाय अपनी राजनीति चमकाने के लिए और ज्यादा मुश्किल बना दिया है।