कूच बिहार का SP सस्पेंड- जिस-जिस ने भी TMC को एक्स्पोज़ किया, ममता उसकी खबर ले रही हैं

चुनाव हो गए, अब ममता को एक्स्पोज़ करने वालों के पीछे पड़ी TMC

TMC बिहार

जबसे बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की विजय सुनिश्चित हुई, आम बंगालियों का जीना दुश्वार हो चुका है। चुनाव के पश्चात जिस प्रकार से हिंसा के कारण बंगाली हिंदुओं को असम की ओर रुख करना पड़ा है, तो वहीं ममता बनर्जी स्थिति को संभालने के बजाए उन्हीं के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने चुनाव के दौरान उनका हुक्म नहीं बजाया था। मुख्यमंत्री का चार्ज संभालते ही ममता ने कूच बिहार के वर्तमान एसपी को निलंबित कर दिया है।

परंतु कूच बिहार के एसपी ने ऐसा क्या किया, जिसके कारण ममता ने ये कदम उठाया? दरअसल, कूच बिहार के एसपी देबाशीष धर ने सीतलकुची के हिंसा को लेकर अर्धसैनिक बलों का पक्ष लिया था। ममता के उकसाने पर कूच बिहार के सीतलकुची जिले में तृणमूल कांग्रेस के उपद्रवियों ने चुनावी ड्यूटी पे लगे अर्धसैनिक बलों का घेराव करने का प्रयास किया और उपद्रव भी किया, जिसके जवाब में CISF के जवानों को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ी, और इसमें लगभग 4 तृणमूल कांग्रेस के गुंडे मारे गए।

ममता के अनुसार, “प्रशासन पिछले कुछ समय से मेरे नियंत्रण में नहीं था। वह चुनाव आयोग के कब्जे में था। पर मैं अब इस दिशा में कुछ अहम निर्णय भी लूँगी।” दरअसल एसपी देबाशीष धर को इसलिए निलंबित किया गया था क्योंकि उन्होंने ममता के रुख का समर्थन नहीं किया था।

ममता के आरोपों के अनुसार ये साजिश भाजपा के कहने पर CRPF द्वारा रची गई थी, जबकि CRPF का दूर दूर तक कोई नामोनिशान नहीं था। ममता के अनुसार चुनाव आयोग झूठ बोल रही है और उसके लिए वह सीआईडी द्वारा जांच भी कराएगी”।

लेकिन एसपी धर के अनुसार सीतलकुची में जो हुआ, वो सब अफवाहों के फैलने के कारण हुआ था। अब चूंकि उन्होंने ममता बनर्जी की जी हुज़ूरी नहीं की, इसलिए उन्हे अपने पद से हाथ धोना पड़ा।

इसके अलावा जिन अफसरों को ममता बनर्जी की जी हुज़ूरी करने के आरोप लगाए थे, और जिन्हें चुनाव सम्पन्न होने तक चुनाव आयोग ने निलंबित / स्थानांतरित किया था, उन्हें तत्काल प्रभाव से ममता ने बहाल किया है। डीजी वीरेंद्र, एडीजी [लॉ एंड ऑर्डर] जावेद शमीम एवं डीजी [सेक्युरिटी] विवेक सहाय को ममता द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ मिलते ही उनके पुराने पद वापिस मिल गए।

जिस प्रकार से ममता बनर्जी ने सत्ता में वापसी करते ही अपनी मनमानी शुरू की है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि वह आगे किस प्रकार से बंगाल को चलाना चाहती है। कूच बिहार के एसपी को सिर्फ इसलिए निलंबित करना क्योंकि उन्हे ममता बेगम की जी हुज़ूरी नहीं की, और ये बंगाल के लिए काफी चिंताजनक बात है।

 

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