आ गए सिब्बल और सिंघवी जैसे वकीलों के बुरे दिन, अब जल्द ही कोर्ट की कार्यवाही का होगा सीधा प्रसारण

अब गुमराह नहीं कर पाएंगे वकील

सीधा प्रसारण

अक्सर ये देखा जाता है कि अदालतों में चलने वाले मामलों में जनता के सामने पक्षकार मुद्दें को भटका कर बात करते हैं। इसके अलावा ये लोग कोर्ट के आदेश को लेकर भी भ्रम फैलाकर अपनी मात को भी जीत बता देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि अब सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का प्रसारण भी जनता के सामने किया जाएगा‌। ये प्रसारण ठीक वैसा ही होगा जैसे संसदीय कार्यवाही का होता है। इससे न केवल जनता के समक्ष अदालतों का पक्ष आएगा बल्कि उन लोगों के लिए मुसीबत भी होगी, जो कि जनहित के मुद्दों को बेबुनियाद बातों में फंसाते हैं, साथ ही कानूनी दांव-पेंच में फंसाकर गुमराह करते हैं।

अदालतों की कार्यवाही के लाइव प्रसारण को लेकर अब बातें शुरू हो गईं हैं, वहीं गुजरात हाईकोर्ट तो साल भर पहले ही यू-ट्यूब पर कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू कर चुका है। वहीं अब इस मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने भी दिलचस्पी दिखाते हुए अपने सहयोगियों से बातचीत करने का बयान दिया है। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के सीधे प्रसारण के प्रस्ताव पर हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं। कोई भी ठोस कदम उठाने से पहले वह शीर्ष अदालत में अपने सभी सहकर्मियों के साथ हम इस पर विचार करना चाहेंगे।”

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पत्रकारों को ऑनलाइन अदालती कार्यवाही में हो रही दिक्कतों को लेकर एनवी रमन्ना ने कुछ महत्वपूर्ण बातें कही हैं। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि पत्रकारों को सूचनाओं के लिए पूर्णतः वकीलों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा, “मैं कुछ वक्त के लिए पत्रकार था। उस वक्त हमारे पास कार या बाइक नहीं थी। हम बस में यात्रा करते थे, क्योंकि हमसे कहा गया था कि आयोजकों से परिवहन सुविधा नहीं लेनी है।”

खास बात ये है कि कोर्ट ने आज ही अपनी वेबसाइट के साथ एक एप्लिकेशन भी लॉन्च की है। उन्होंने कहा, “आज हम आधिकारिक वेबसाइट पर अतिरिक्त फीचर और सुप्रीम कोर्ट का मोबाइल एप भी लॉन्च कर रहे हैं। ‘इंडिकेटिव नोट्स’ नाम से यह नया फीचर महत्वपूर्ण फैसलों का आसानी से समझ आने योग्य सारांश देगा। न्यायालय के फैसलों के बारे में जानने/समझने के इच्छुक मीडियाकर्मियों और आम जनता के लिए यह महत्वपूर्ण होगा।”

कोर्ट की कार्यवाही की ब्रॉडकास्टिंग को लेकर चीफ जस्टिस ने तकनीक के प्रयोग और उसकी संवेदनशीलता का ध्यान रखने पर जोर दिया है। रमन्ना ने कहा, “छोटी-छोटी दिक्कतें आएंगी और उन्हें बेकार में बहुत बढ़ाया-चढ़ाया नहीं जाना चाहिए। मैं सभी से धीरज रखने और तकनीकी टीम का साथ देने का अनुरोध करता हूं ताकि एप्लीकेशन बिना किसी दिक्कत के सही तरीके से काम कर सके। मैं आशा करता हूं कि सभी लोग प्रणाली को बेहतर बनने और सही से काम करने का वक्त देंगे।

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साफ है सुप्रीम कोर्ट तकनीक के साथ चलने में कोई गुरेज नहीं करना चाहता है। ये संकेत है कि जल्द ही कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण आम जनता के बीच भी होगा। कोर्ट के इस फैसले से एक बड़ा असर कुछ खास वकीलों पर होगा, जिनमें प्रशांत भूषण, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे नाम शामिल हैं। ये लोग आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर कोर्ट के दरवाजे खड़े हो जातें हैं। ऐसे में ये जनता के बीच भ्रमित करने वाली बातें रखते हैं और अदालतों के न्यायाधीशों से लताड़ खाकर जनता के बीच बातों को तोड़-मरोड़ कर खुद को सही साबित करते हैं।

पिछले कुछ सालों में अपने कानूनी दांव-पेंच का प्रयोग कर इन वकीलों ने कोर्ट का खूब वक्त भी बर्बाद किया है और पक्ष में फैसला न आने पर अदालत की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में यदि अब सुप्रीम कोर्ट की ये सभी कार्यवाही सार्वजनिक होती हैं, तो इन लोगों की झूठ और दुष्प्रचार फैलाने की दुकानें हमेशा के लिए बन्द हो जाएंगी।

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