चुनाव जीतते ही ममता ने दोबारा नियुक्त किया अपना पसंदीदा पुलिस अफसर, चुनाव आयोग ने किया था ट्रांसफर

अब बंगाल में चलेगी ममता की मनमानी

ममता

The Times Of Hind ·

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में नतीजे आने के बाद जिस तरह से जीती हुई TMC के कार्यकर्ता BJP समर्थकों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर खून का खेल खेल रहे हैं, उसमें BJP के अनुसार अब तक उनके 17 कार्यकर्ताओं की मृत्यु हो चुकी है।‌ इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर अपना कुनबा मजबूत करने के लिए उन्हीं अधिकारियों को बहाल कर दिया है, जो चुनाव से पहले उनके लिए काम कर रहे थे। डीजीपी से एडीजी स्तर के ममता समर्थक पुनः ममता ने बहाल कर दिए हैं, दूसरी ओर शपथ लेने के दौरान ममता और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच हिंसा को लेकर कुछ आक्रामक बातें हुईं, जो अप्रत्याशित थीं।

दरअसल, शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य की कानून व्यवस्था से अवगत कराते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उन्हें इसे ठीक करने की नसीहत दी है और उम्मीद जताई है कि ममता इन मुद्दों को हल करेंगी। इसके इतर ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने अभी शपथ ली है और इससे पहले कानून व्यवस्था चुनाव आयोग के पास थी। ममता ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हिंसा के लिए चुनाव आयोग पर सारी जिम्मेदारी थोप दी है।

और पढ़ें- एक घर पर हमला पूरे समुदाय पर हमला, जब तक बंगाल के हिंदुओं को इसका अहसास नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं बदलेगा

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अब सारी परिस्थिति ठीक हो जाएंगी। ममता ने मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद सबसे पहले चुनाव आयोग द्वारा हटाए गए अपने दो प्रमुख अफसरों को बहाल किया है। इसमें आइपीएस अधिकारी वीरेंद्र को पुनः डीजीपी और जावेद शमीम को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर नियुक्त कर दिया है, जो दिखाता है कि ममता का पूरा इको-सिस्टम इन्हीं दो चार अधिकारियों के दम पर चलता है। ये दोनों ही ममता समर्थक माने जाते हैं, जिसके चलते चुनाव आयोग ने इन्हें अपने पद से हटाया था, लेकिन अब ममता ने सब पहले जैसा ही कर दिया है।

बंगाल में चार दिन से चल रहे हिंसा के तांडव क़ो लेकर ममता ने कहा, “ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। बीजेपी जहां जीती है वहां से ज्‍यादा गड़बड़‍ियों की सूचना आ रही है। बीजेपी पुराने वीडियोज वायरल करके फर्जी घटनाओं की खबरें फैला कर रही है। मेरी सभी राजनीतिक दलों से अपील है कि वे ऐसा न करें। आपने चुनावों के दौरान ऐसा बहुत कुछ किया है। बंगाल एकता का स्‍थान है।” साफ है कि ममता बीजेपी को ही इस पूरी हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं।

और पढ़ें- लूटपाट, हिंसा, घरों में तोड़-फोड़, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार अपने पुराने रिकार्ड्स तोड़ रही है

वहीं डीजीपी और एडीजी की पुनर्नियुक्ति टीएमसी के गुंडों के लिए एक बेहद ही सकारात्मक संदेश है, क्योंकि ममता के करीबी अधिकारी टीएमसी के गुंडों की आपराधिक घटनाओं को नजरंदाज करते हैं, जिससे उन्हें प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण मिलता है, और यही प्रक्रिया दोहराने की शुरुआत फिर से हो चुकी है।

Exit mobile version