डियर केजरीवाल, मोदी जी को ‘वैक्सीन फॉर्मूला’ शेयर करने का सुझाव देने से पहले, एक बार Google सर्च जरूर करना चाहिए था

केजरीवाल जी कृपया पूरी जानकारी रखें

वैक्सीन

ताज़ा आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि देश में टीकाकरण की संख्या में चिंताजनक रूप से कमी आ रही है। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टीकाकरण की गति को तेज करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और कहा कि, “अभी भारत में सिर्फ दो ही कंपनियां वैक्सीन बना रही है। आप इन कंपनियों से कहिए कि वह बाकी फार्मा कंपनियों के बीच अपनी फार्मूला साझा कर दें।”

आपको बता दें कि फिलहाल भारत में सिर्फ दो ही कंपनियां वैक्सीन नहीं बना रही है। बल्कि, करीब पांच से छह ऐसी कंपनियां भी है जिनका कोविड वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में है या फिर दूसरे या तीसरे चरण में है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अगर मामूली सी गूगल सर्च कर लेते तो उनको सारी जानकारी प्राप्त हो जाती।

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दरअसल, आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक थ्रेड पोस्ट साझा कर लिखा कि, देश में युद्धस्तर पर Vaccine का उत्पादन बढ़ाने पर CM @ArvindKejriwal का सुझाव, “Vaccine बनाने का काम सिर्फ 2 कंपनियां न करें। केंद्र सरकार Vaccine बनाने का Formula इन दोनों कंपनियों से लेकर देश भर की उन सभी कंपनियों को दे, जो सुरक्षित तरीके से Vaccine बना सकती हैं।” बता दें कि इस थ्रेड में प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का भी जिक्र है।

ट्विटर यूजर्स ने अरविंद केजरीवाल का यह फार्मूला साझा करने वाले सुझाव देख कर उनका उपहास उड़ाना शुरू कर दिया। हालांकि, हम उस पर नहीं जाएंगे। हम बात करेंगे कि भारत में फिलहाल सिर्फ दो ही कंपनियां नहीं बल्कि कई कंपनियां कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए वैक्सीन बना रही है।

उदाहरण के लिए Biological E को ही ले लीजिए। हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि Biological E अपनी तीसरें चरण का ट्रायल शुरू करने वाला है और अगस्त से 75-80 मिलियन कोविड वैक्सीन उत्पादन करने की तैयारी में है।

Biological E के अलावा Zydus Cadilla कोरोना वैक्सीन उत्पादन के आखिरी पड़ाव में है और जल्द ही ICMR से अपनी वैक्सीन बाजार में लाने की अनुमति लेने वाला है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जिसका कोविशील्ड वैक्सीन पहले से बाजार में है। वह अपनी एक और वैक्सीन कोवावैक्स की क्लिनिकल ट्रायल का तीसरा चरण मई के अंत से शुरू करने वाला है। कोवावैक्स को तीसरे चरण की अनुमति ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से मिल चुकी है।

भारत की पहली MRNA वैक्सीन HGCO19, जिसे पुणे स्थित Genova ने सिएटल (U.S.A) स्थित एचडीटी बायोटेक कॉरपोरेशन के सहयोग से बनाया जा रहा है।

बता दें कि Covaxin की सफलता के बाद अब भारत बायोटेक Nasal वैक्सीन बना रहा है। DGCI द्वारा फरवरी 2021 में ही पहले चरण की अनुमति मिल गई थी, जिसकी डेडलाइन 8 मई बताई गई थी।

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हमारे देश के नेता बिना कुछ सोचे समझे देश की प्रगति के ऊपर संदेह करते हैं। अरविंद केजरीवाल ने बिना तथ्यों को जाने प्रधानमंत्री को पत्र लिख दिया। ठीक ऐसी ही विपक्ष के नेताओं ने भारत में बनी वैक्सीन के ऊपर संदेह किया। नतीजतन, आज भारत में “vaccine hesitancy” देखने को मिल रही है। ऐसे नेताओं से विनम्र निवेदन है कि अगर आप जनता के मन में भरोसा नहीं पैदा नहीं कर सकते तो कम से कम संदेह तो न पैदा करें।

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