“कच्चा माल और IPR छूट” बाइडन भारत को दबाना चाहते थे, Pro-India लॉबी ने उनको ही रुला दिया

अमेरिकी-भारतीयों की शक्ति के सामने बाइडन बेबस!

अमेरिका

PC: NBC News

अमेरिका के तीन senators ने भारत को COVID-19 सहायता देने के लिए बाइडन प्रशासन से आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि, भारत में वर्तमान में प्रतिदिन 3,50,000 से अधिक नए कोरोना के मामले सामने आ रहे है। जिसके कारण भारत की स्वास्थ्य सेवा संघर्ष कर रही है।

हाल ही में दिए गए अमेरिका द्वारा मदद को लेकर अमेरिका के तीन senators ने राज्य सचिव Tony Blinken को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने WHO COVAX योजना में अपना योगदान जारी रखने के लिए बात कहीं, और साथ ही में अमेरिका भारत को कैसे जल्द जल्द से और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन दे पाए। इसके लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार करने का आग्रह किया।

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सीनेटर मार्क वार्नर, जॉन कॉर्निन, और रॉन पोर्टमैन ने “चीन और रूस जैसे देशों द्वारा टीकों के खिलाफ चल रहे अभियानों” के लिए उन्हें चेतावनी तक दे डाली। इसके अलावा बाइडन प्रशासन से इन अभियानों का मुकाबला करने के ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।

Senators ने अपने पत्र में लिखा है कि, “जैसा कि आप जानते हैं, भारत की वर्तमान हेल्थकेयर प्रणाली और बुनियादी ढाँचा कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण संघर्ष कर रहा है। देश में हर दिन 300,000 से अधिक नए संक्रमण के मामले आ रहे हैं।”

पत्र में आगे लिखा है कि, “हम आपसे आग्रह करते है कि, रक्षा विभाग और अन्य अमेरिकी सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ हमारे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर अधिक से अधिक जीवन रक्षक उपकरण, टीके और अन्य सहायता भारत को जल्द से जल्द से मुहैया कराया जाए।”

Senators द्वारा लिखे गए पत्र में भारत को मदद के अलावा चीन द्वारा फैलाये जा रहे एंटी वैक्सीन नैरेटिव को रोकने के लिए बात कही गई है। पत्र में लिखा है कि,“हम ग्लोबल एंगेजमेंट सेंटर से आग्रह करते हैं कि, वे अमेरिका के global health response और कोरोनो वायरस महामारी के बारे में फैलाए जा रहे फेक नैरेटिव को काउंटर करे।  पत्र में गलत खबर फैलने के ज़िम्मेदार रूस, चीन को माना गया है। विशेष रूप से भारत में,  फेक न्यूज और भ्रमित करने वाले खबरों के कारण पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण और वैक्सीन को लेकर भी भारत में फेक नैरेटिव फैलाया जा रहा है।”

अमेरिकी Senators का मानना है कि, अमेरिका को भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। साथ ही साथ नए वेरिएंट के संक्रमण को रोकने और भारत के लोगों को आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करना जारी रखना चाहिए।

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बता दें कि, अमेरिका के बड़े फार्मा कंपनियों ने बाइडन प्रशासन से भारत को मदद ‘न’ करने का अनुरोध किया था। उदाहरण के लिए Pfizer को ही ले लीजिए। Pfizer ने पूरी कोशिश की थी, अमेरिका भारत की कोई मदद न करें, ताकि भारत को मजबूरी में आकर अमेरिकी फार्मा कंपनियों के सामने घुटने टेकने पड़े। हालांकि, अंत में बाइडन  प्रशासन ने अमेरिकी फार्मा कंपनियों की बातों को अनसुना करके भारत के हित में सोचना पड़ा।

वहीं एक दूसरी गतिविधियों में अमेरिका में 12 सांसदों  की अपील को नजरअंदाज करते हुए जो बाइडन प्रशासन ने कोविड-19  टीके की आपूर्ति बढ़ाने के लिए Intellectual Property Rights (IPR) के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देने के भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा  WTO को दिए प्रस्ताव के समर्थन की घोषणा की है।

भारत जब कोरोना की दूसरी लहर से त्रस्त नजर आ रहा है, ऐसे मुश्किल समय में हर बड़ा देश ना सिर्फ हिंदुस्तान की मदद को आगे आ रहा है, बल्कि अपनी तरफ से कई जरूरी वस्तुओं की समय रहते सप्लाई भी कर रहा है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं भारत जल्द से जल्द इस महामारी से निपटे और फिर से उज्वल भारत की दिशा में आगे बढ़े।

 

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