Fake Kisan Andolan के कारण पंजाब में बढ़ा मौतों का आंकड़ा
Fake Kisan Andolan : पिछले छः महीनो से Kisan Andolan के नाम पर चल रहे धरना प्रदर्शन का असर अब पंजाब में दिखाई देने लगा है। इनके कारण न सिर्फ कोरोना के मामलों में वृधि हुई है बल्कि मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से दोगुना हो चुकी है। इसके बावजूद न तो किसान किसी प्रकार की सावधानी बरत रहे हैं और न ही धरने को बंद करने का प्लान बना रहे हैं। इसी धरने की वजह से कोरोना अब पंजाब के ग्रामणी क्षेत्रों तक पहुँच चुका है जिससे आने वाले दिनों और भी बड़ी तबाही देखने को मिल सकती है।
दरअसल, दैनिक जागरण की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के लगभग 58 स्थानों पर धरना करने वाले किसानों में अधिकतर लोगों ने न तो मास्क लगाया है और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। धरने के दौरान इन सभी का खाना-पीना भी शेयरिंग वाले बर्तनों में ही होता है। एक तरफ मुख्यमंत्री अपील करते हैं कि गांवों में ठीकरी पहरा लगाया जाए, वहीं दूसरी तरफ राज्य में संघावाला की तरह लगभग 58 जगह धरनों में किसान हर रोज खुद ही टोल पर कोविड नियमों की परवाह किए बिना आते-जाते व बैठते हैं। ऐसे में कोरोना के मामलों में कमी तो नहीं आने वाली है।
Fake Kisan Andolan के कारण पंजाब में बढ़ा मौतों का आंकड़ा : दैनिक जागरण
रिपोर्ट के अनुसार, अब शहरी इलाकों की तुलना में राज्य के गांवों में लगातार कोरोना पैर पसार रहा है और इसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि ये धरने ही हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पंजाब के लिए भी काफी भयावह साबित हुई है। यहां पर कोविड-19 संबंधी 40 प्रतिशत मौतें पिछले 44 दिन में हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में 31 मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण से 6,868 लोगों की मौत हुई थी। 14 मई को यह आंकड़ा बढ़कर कुल 11,477 लोगों की मौत का हो गया। यानी इस साल अप्रैल से लेकर कुल मौतों के आंकड़े में 4,609 की वृद्धि हुई है। ऐसा तब है जब पंजाब में मृत्यु दर देश में मृत्यु दर से दोगुना से ज्यादा है। देश में मृत्यु दर 1.09 फीसद है तो पंजाब में यह 2.40 फीसद है। राज्य में कुल मौतों की 58 फीसद मौतें ग्रामीण इलाकों में हो रही है। शहरों से ज्यादा गांव महामारी की जद में हैं बावजूद इसके ये Fake Kisan अपनी मनमानी करने पर तुले हुए हैं।
दैनिक जागरण ने शुक्रवार को पंजाब के 58 स्थानों पर किसानों के चल रहे धरनों पर अपने रिपोर्ट्स भेज कर पड़ताल की इस पड़ताल में यह बात सामने आया कि जिस तरह से किसान इस धरने में आ रहे हैं उससे ये करीब 600 गांवों में कोरोना के कैरियर की भूमिका निभा सकते हैं। इसके बाद भी एक-दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो 99 फीसद पक्के धरनास्थलों पर शामिल होने वाले किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
राज्य के इन धरनास्थलों पर 99 फीसद किसान बिना मास्क के दिखाई देते हैं। धरनास्थलों पर रोजाना लगभग 20 से 300 तक किसानों की भीड़ जुट रही है। मास्क पहनना तो दूर किसान कोरोना को भी मानने को तैयार नहीं हैं। इसके चलते कोरोना संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है और किसान खुद कोरोना को दावत दे रहे हैं। पंजाब में संक्रमण दर 11 प्रतिशत से भी अधिक है।
अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्युदर 2.6 प्रतिशत है, जबकि नगरीय क्षेत्रों में यह दर 0.8 प्रतिशत है। पंजाब में इसके अलावा, पिछले 44 दिन में संक्रमण के 2,44,250 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में महामारी के कुल मामलों की संख्या 31 मार्च तक 2,39,734 थी जो एक अप्रैल से 14 मई के बीच बढ़कर 4,83,984 तक पहुंच गई। यानी स्पष्ट है कि नकली किसानों पंजाब को कोरोना हॉटस्पॉट बना दिया है और ऐसा लगता है कि कांग्रेस की अमरिंदर सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। अब यही किसान हरियाणा में भी इसी तरह कोरोना फ़ैलाने का प्रबंध कर रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार को इन सभी के खिलाफ एक कड़ा एक्शन लेना चाहिए।