‘सभी को मुफ्त कफन देंगे,’ झारखंड के CM हेमंत सोरेन की मानवीय पहल

झारखंड सरकार सुविधा न दे पाएं लेकिन मुफ़्त कफन देगी

वुहान वायरस से लड़ने में देश के कई लोग कई प्रकार से सहायता कर रहे हैं। केंद्र सरकार सही समय पर मेडिकल ऑक्सीजन सबको पहुंचाने के लिए ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ का प्रबंध कर रही है। दूसरी ओर कुछ राज्य है, जो सीमित संसाधनों में भी सभी सहूलियतें देने को तैयार है, जैसे उत्तर प्रदेश, असम, ओड़ीशा, मध्य प्रदेश, गुजरात इत्यादि। लेकिन हेमंत सोरेन ने एक अनोखा तोहफा देने का सोचा है। जनाब ने झारखंड निवासियों को मुफ़्त कफन देने का प्रस्ताव रखा है।

CM हेमंत सोरेन के अनुसार, राज्‍य में अब कफन की कमी नहीं होगी। हेमंत सोरेन सरकार कफन मु्फ्त में उपलब्‍ध कराएगी। निर्माण कार्य के लिए बने SOR (सामग्रियों की अनुसूचित दर) में सुधार किया जा रहा है। इस सम्‍बन्‍ध में जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।

पहली बार भारत ने कोई ऐसा मुख्यमंत्री देखा है, जिसने स्पष्ट कह दिया, हमसे न हो पाएगा। दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्य तो फिर भी कम से कम अपने नगर निवासियों का ख्याल रखने का ढोंग तो करते हैं। लेकिन हेमंत सोरेन की दाद देनी पड़ेगी, जिन्होंने स्पष्ट कह दिया कि वुहान वायरस से लोगों को बचाना उनके बस की बात नहीं है। उनके यहाँ सब भगवान भरोसे है।

हालांकि यह पहला ऐसा मामला नहीं है। झारखंड उन राज्यों में शामिल है, जिन्हें केंद्र से लेकर पड़ोसी राज्य सरकारों ने भी अनेकों बार सहायता भेजी है, पर मजाल है कि हेमंत सोरेन ने एक बार भी इस्तेमाल की हो। अनेक रिपोर्ट सामने आई हैं, जहां ये उजागर हुआ है कि झारखंड को केंद्र सरकार द्वारा पीएम केयर्स फंड से आवंटित वेन्टिलेटर में से एक भी उपयोग में नहीं लाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के दौरे एक कोविड मरीज की अनदेखी के कारण राजकीय अस्पताल के बाहर मर जाने की घटना भी किसी से नहीं छुपी है।

ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि सरकार मुफ़्त में कफन उपलब्ध कराएगी इस बात का सूचक है कि झारखंड के लोग अपनी व्यवस्था खुद देखें। जब भाजपा ने इस विषय पर हमलावर रुख अपनाया तो हेमंत सोरेन की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में कोरोना से बढ़ती मौतों के कारण गंगा में तैरती लाशों की ओर ध्यान आकर्षित करने का असफल प्रयास किया। परंतु सोरेन सरकार की पोल तो जाने कब की खुल चुकी है।

ऐसे में अब ये कहना गलत नहीं होगा कि हेमंत सोरेन ने अनाधिकारिक तौर पर हाथ खड़े कर दिए हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि वैक्सीन का खर्चा तो केंद्र को उठाना चाहिए, लेकिन अब उनके पास मुफ़्त कफन देने के लिए खर्चा कहाँ से आ गया? ये स्पष्ट है कि झारखंड उन राज्यों में शामिल हो रहा है, जहां के प्रशासक अपनी सनक के कारण लोगों की बलि चढ़ाने से भी नहीं हिचक रहे हैं।

Exit mobile version