कभी ओलंपिक चैम्पियन थे और आज भगोड़े हैं – सुशील कुमार के पतन की अजब दास्तान

पूर्व जूनियर नेशनल चैंपियन की हत्या का है आरोप

सागर धनखड़ हत्याकांड

20 अगस्त 2008, बीजिंग – ओलंपिक्स की लोकप्रियता अपने चरम पर थी। एक अनोखी घटना में दूसरे ही राउन्ड में बाहर होने वाले पहलवान सुशील कुमार ने सभी को चौंकाते हुए रेपचेज के सभी मैच जीते, और 56 वर्ष बाद भारत को कुश्ती में ओलंपिक पदक जिताया।

एक वो दिन था, और एक आज का दिन है। कभी भारत की शान, कुश्ती का गौरव माने जाने वाले पूर्व विश्व चैम्पियन सुशील कुमार आज भागे भागे फिर रहे हैं। उन पर भगोड़ा होने का आरोप लगाया गया है, और दिल्ली पुलिस का मानना है कि वे हरिद्वार के किसी आश्रम में छुपे हुए हैं।

लेकिन जो व्यक्ति कभी देश के लिए ओलंपिक से एक के बाद एक ताबड़तोड़ पदक लाता था, जिस व्यक्ति ने विश्व चैम्पियनशिप में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक जिताया, वो आज अचानक पुलिस से क्यों भाग रहा है? ऐसा क्या हुआ कि सुशील कुमार के ऊपर ‘भगोड़ा’ होने का आरोप लगाया जा रहा है और उसे अपराधी से लेके हत्यारा तक की संज्ञा दी जा रही है?

दरअसल सुशील कुमार पर एक प्रॉपर्टी विवाद के चलते एक युवा पहलवान की हत्या करवाने का आरोप लगा है। कुछ दिन पहले दिल्ली के प्रसिद्ध छत्रसाल स्टेडियम के छात्रावास पर हमला हुआ, और उस हिंसक झड़प में सागर राणा उर्फ सागर धनखड़ नामक एक पूर्व जूनियर नेशनल चैंपियन की पीट पीटकर हत्या कर दी गई।

तो इसका सुशील कुमार से क्या लेना देना है, और वे पुलिस से क्यों भाग रहे हैं? दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया जा रहा है कि दिल्ली के माडल टाउन इलाके में सुशील का एक फ्लैट था, जिसमें सागर और उसके कुछ अन्य साथी रह रहे थे। सागर और उसके साथियों की नीयत कथित तौर पर बिगड़ गई और उन्होंने इस फ्लैट पर कब्जा करने का इरादा बना लिया।

जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, “सुशील इस बात को लेकर काफी गुस्से में था कि उसके फ्लैट पर सागर और उसके साथी कब्जा करके बैठे हुए हैं। 4 मई को सागर को छत्रसाल स्टेडियम में बुलाया गया, वहां वो अपने साथियों के साथ पहुंचा, सुशील वहां अपने साथियों के साथ पहले से मौजूद था। सुशील को पहले से सागर पर गुस्सा था, जब दोनों आमने सामने हुए तो बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट पर पहुंच गई। फिर दोनों पक्षों में जमकर एक घंटे से अधिक समय तक मारपीट हुई। सागर को लात, घूंसों और डंडों से पीटा गया, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई। यहां कई राउंड फायर भी हुए।”

अब इस बात में कितनी सच्चाई है, ये तो सुशील और सागर ही बेहतर जानते हैं। यदि सुशील की कोई गलती नहीं है, तो वे अपना पक्ष क्यों नहीं बेखौफ होकर रख रहे हैं। यदि वे निर्दोष हैं, तो उन्हे छाती ठोंक कर कहना चाहिए कि उन्होंने कोई गलती नहीं है और वे पुलिस के सहयोग करने को तैयार है।

लेकिन चूंकि इतने दिन होने के बाद भी सुशील की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है, इसीलिए अब लोगों का संदेह धीरे धीरे बढ़ रहा है। यदि सुशील वाकई में सागर की हत्या में शामिल है, तो ये निस्संदेह पूरे कुश्ती जगत के लिए बहुत शर्म की बात है। कई पहलवानों और कुश्ती महासंघ का मानना है कि यदि ये बात सच निकली, तो अनेकों अभिभावक अपने बच्चों को पहलवान बनाने से पहले कई बार सोचेंगे, क्योंकि सुशील कुमार का उदाहरण देखकर ही कई बच्चे पहलवान बनने को प्रेरित हुए हैं।

यदि सुशील निर्दोष हैं, तो उनके साथ न्याय अवश्य होगा, लेकिन यदि वे दोषी हैं, तो ये कुश्ती के साथ साथ भारतीय खेल जगत के लिए भी एक काला दिन समान है, जहां लालच के कारण एक योग्य खिलाड़ी ने अपना करियर स्वाहा कर दिया।

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