“कोरोना केस कम, वैक्सीनेशन ज़्यादा”, सरकार के मुताबिक जून का महीना दिलाएगा कोरोना से राहत

मतलब देश ने सबसे बुरे दौर को पहले ही झेल लिया है

कोरोना टीकाकरण

(PC: SETA)

कोरोना के दूसरे चरण के तांडव के बाद अब पॉजिटिव मामलों में लगातार कमी आ रही है। एक समय जहाँ कोरोना के मामले प्रतिदिन साढ़े तीन लाख से चार लाख के आंकड़े को पार कर रहे थे तो वहीं अब ये मामले प्रतिदिन 3 लाख से कम की संख्या में रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। जिस तरह से मामले कम हो रहे हैं, उससे अब सरकार को भी उम्मीद है कि जून से कोविड -19 के कारण प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से कमी आएगी। यही नहीं, दो वैक्सीन निर्माताओं से आपूर्ति और राज्यों द्वारा लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद अगले महीने से दैनिक टीकाकरण की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।

6 मई को देश में कोरोना के कुल दर्ज मामलों की सख्या 4.14 लाख तक पहुँच गयी थी। हालाँकि, उसके बाद से यह संख्या लगातार घट रही है। 18 मई को कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या एक दिन में 4529 के एक नए शिखर पर पहुंच गई। अभी तक एक दिन में सबसे अधिक मौतों का रिकॉर्ड अमेरिका के नाम था, जहाँ जनवरी में 4409 लोगों की मौत हुई थी।

एक सरकारी अधिकारी ने News18 से कहा कि, “आज होने वाली मौतें मुख्य रूप से उन लोगों की हैं जो दो सप्ताह पहले संक्रमित हुए थे, जब प्रतिदिन रिकॉर्ड संख्या में नए मामले दर्ज किए जा रहे थे। हमें उम्मीद है कि जून की शुरुआत तक प्रतिदिन हो रही मौतों की संख्या में कमी आएगी क्योंकि प्रतिदिन दर्ज किए जा रहे मामले अब कम हो रहे हैं।“

सरकार को यह भी उम्मीद है कि जून से टीकाकरण संख्या में सुधार होकर यह आंकड़ा लगभग 25 लाख टीके प्रतिदिन से भी अधिक हो जाएगा, क्योंकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की ओर से केंद्र और राज्यों को होने वाली आपूर्ति बढ़ेगी।

इसके अलावा कुछ राज्यों द्वारा जून से लॉकडाउन भी ढीला किए जाने की उम्मीद है जो  टीकाकरण अभियान में बाधा बन रहा है क्योंकि लोग वैक्सीन सेंटर जाने के लिए बाहर निकलने से हिचकिचा रहे हैं।

15 मई को चार राज्यों के मंत्रियों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि कोरोना के विरुद्ध दैनिक टीकाकरण संख्या का वर्तमान स्तर “20-25 लाख से निश्चित रूप से कम था” और इसे बढ़ाने की आवश्यकता थी। लेकिन 17 और 18 मई को क्रमश: 15.1 लाख और 12.8 लाख लोगों को ही टीका लगाया गया, जो संख्या में और गिरावट को दर्शाता है। इस गिरावट का एक कारण गुजरात और महाराष्ट्र, दोनों में चक्रवात Tauktae भी है।

इस बीच 18-44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण संख्या में वृद्धि की उम्मीद भी बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार इस आयु वर्ग के लगभग 50 मिलियन से अधिक लोग वैक्सीन के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। 18 मई को किए गए कुल 12.8 लाख टीकाकरणों में से 5.14 लाख टीके (लगभग 40 प्रतिशत) 18-44 आयु वर्ग को दिए गए। वहीँ जबकि 1.83 लाख डोज 45+ आयु वर्ग के उन लोगों को दिया गया, जिनका यह दूसरा डोज़ था।

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रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान 18-44 आयु वर्ग के कोरोना के टीकाकरण में 10 लाख का आंकड़ा पार करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, इसके बाद बिहार में 8.7 लाख, दिल्ली में 7.8 लाख, यूपी में 6.3 लाख और हरियाणा में 5.5 लाख लोगों को वैक्सीन दी गयी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये पांच राज्य दो वैक्सीन निर्माताओं को आर्डर देकर वैक्सीन की जल्दी आपूर्ति सुरक्षित करने में सक्षम थे। कुछ अन्य बड़े राज्यों को अब जून से आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है। वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ने के साथ-साथ जब वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या बढ़ेगी, तब ही कोविड से होने वाली मौतों में भी कमी आएगी।

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