गंजम के DM ने सोनू सूद की खोली पोल कहा, ‘Actor ने होम आइसोलेशन वाले मरीज को बेड दिलाना का किया झूठा दावा’

ओडिशा के एक जिलाधिकारी ने फिर खोली सोनू सूद की पोल  

गंजम के DM ने सोनू सूद के मरीज को बेड दिलाने के वादे की खोली पोल

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गंजम के DM ने सोनू सूद की खोली पोल

2020 में जितने गाजे बाजे के साथ अभिनेता सोनू सूद को एक मसीहा के तौर पर चित्रित किया गया था, एक वर्ष बाद उतने ही गाजे बाजे सहित उसकी पोल भी खोली जा रही है। TFI पोस्ट ने पहले ही इस विषय पर सोनू सूद के करतूतों की पोल खोली थी, परंतु इस बार ओडिशा के गंजम के एक जिलाधिकारी (DM) ने सोनू सूद की ऐसी पोल खोली, कि वे अब सब से मुंह छुपाते फिर रहे हैं।

दरअसल, ओडिशा के गंजम जिले से एक व्यक्ति को मदद की दरकार थी, जिसके लिए सोनू सूद ने कथित तौर पर सहायता भी की। राज्य के बरहामपुर के गंजम सिटी अस्पताल में एक मरीज के लिए सोनू सूद ने बिस्तर की व्यवस्था करने का दावा किया –

लेकिन ये भांडा जल्द ही फुट गया, क्योंकि गंजम के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट (DM) ने सोनू सूद के इस फर्जीवाड़े की पोल खोलते हुए ट्विटर पर प्रशासन के आधिकारिक अकाउंट के जरिए बताया कि जिस मरीज के लिए बेड अरेंज करने का दावा किया गया है वो मरीज स्टेबल कंडीशन में होम आइसोलेशन में है। इसके अलावा ये भी खुलासा हुआ कि उक्त मरीज को दरअसल बिस्तर की जरूरत नहीं थी और इस मामले में बरहामपुर (ब्रह्मपुर) नगर निगम खुद स्थिति की निगरानी कर रहा है –

तब से सोनू सूद का ट्वीट डिलीट हो चुका है। ऐसा माना जाता है कि सोनू सूद वास्तव में किसी की मदद किए बिना ही क्रेडिट लेने के लिए झूठा दावा कर रहे थे, लेकिन ये अकेला ऐसा पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सोनू सूद के विरुद्ध कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां क्रेडिट लूटने और अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने में तो सोनू सूद ने बड़े बड़े ठगों को भी मीलों पीछे छोड़ दिया है।

उदाहरण के लिए अभी कुछ ही दिनों पहले क्रिकेटर सुरेश रैना की रिश्तेदार को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, तो सुरेश रैना ने ट्विटर पर अर्जी डाली। उनकी सहायता करने में प्रशासन और सोशल मीडिया का भी अहम रोल था, जिसके लिए सुरेश रैना ने आभार भी प्रकट किया, परंतु यहाँ भी क्रेडिट लूटने सोनू सूद आगे आ गए –

यही नहीं, एक मामले में तो सोनू सूद ने एक व्यक्ति को बेड दिलवाने का दावा किया, और बाद में पता चला कि वह व्यक्ति तो मृत निकला। सोनू सूद के ट्वीट के अनुसार, “कभी कभी रात में जागना अच्छा होता है। के रवींद्रन को एक्सेल केयर अस्पताल में बिस्तर दिलवा दिया” –

सोनू सूद ने असल में उक्त मरीज को 9 बजे बिस्तर दिलवाया, जबकि मरीज कि मृत्यु तड़के 3 बजे ही हो चुकी थी। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सोनू सूद सिर्फ नाम के लिए जनसेवा करते हैं, असल में जनसेवा से उनका उतना ही नाता है, जितना ममता बनर्जी का लोकतंत्र से और उद्धव ठाकरे का प्रशासनिक जिम्मेदारी से। ऐसे में गंजम के डीएम ने सोनू सूद की पोल खोलकर एक बार फिर उसका पाखंडी स्वभाव उजागर किया है।

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