सरकार ने कोविड-19 पर कांग्रेस के कथित टूलकिट के मुद्दे पर ट्विटर द्वारा कई भाजपा नेताओं के ट्वीट पर Manipulated Media का टैग लगाये जाने के बाद नाराजगी जाहिर की है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में ट्विटर से कहा है कि Manipulated है Media का टैग लगाना उचित नहीं है और आप जाँच एजेंसी का काम नहीं कर सकते है।
सरकार का कहना है कि तब जब मामले की जांच जारी हो, तब तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म इस तरह का कोई निर्णय नहीं दे सकता। सरकार ने ट्विटर से जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने चेतावनी दी है। साथ ही सरकार ने कंपनी से कहा कि सत्यता का पता जांच से चलेगा न कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के माध्यम से।
दरअसल, 18 मई को संबित पात्रा ने ट्वीट कर कांग्रेस के टूलकिट का डॉक्युमेंट शेयर किया था। उन्होंने लिखा था, “महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए कांग्रेस का टूलकिट देखें। मदद के नाम पर PR अभ्यास अधिक लग रहा है। आप कांग्रेस का एजेंडा पढ़िए।“
संबित पात्रा के इसी ट्वीट को ट्विटर ने Manipulated Media की कैटेगरी में डाल दिया था। इसके बाद इस टूल किट को शेयर करने वाले कई बड़े नेताओं के ट्वीट भी इसी कैटेगरी में दिखने लगे थे। किसी ट्वीट को इस कैटिगरी में रखने का मतलब है कि पोस्ट में कुछ भ्रामक, झूठी या नफरत भरी सामग्री है।
अब सरकार ने अपने रुख को कड़ा करते हुए कहा है कि मामले की जांच के दौरान ट्विटर अपना फैसला नहीं सुना सकता है। ट्विटर द्वारा इस तरह की content moderation से “Intermediary” के रूप में इसकी स्थिति पर सवालिया निशान लगाता है।
मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ट्विटर की कार्रवाई “पूर्वाग्रही और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा जांच को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है।”
The government has asked Twitter to drop the manipulated media tag from Sambit Patra's tweet, considering the toolkit is under investigation. But what is interesting is that the government has accused Twitter of directly attempting to influence the investigation with this label.
— Ajit Datta (@ajitdatta) May 21, 2021
नोटिस में कहा गया है कि कंपनी की कार्रवाई “ट्विटर यूजर द्वारा विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए एक तटस्थ और निष्पक्ष प्लेटफार्म के रूप में ट्विटर की विश्वसनीयता को कमजोर करती है।”
साथ ही मंत्रालय ने सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी से “Manipulated Media” के टैग को तुरंत हटाने के लिए कहा है।
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बता दें कि हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब सरकार और ट्विटर आमने-सामने हैं। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि, “स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी ‘टूकिट’ की सत्यता निर्धारित करने के लिए जांच कर रही है, ट्विटर ने इस मामले में एकतरफा निष्कर्ष निकाला है और मनमाने ढंग से इसे ‘Manipulated Media’ के रूप में टैग किया है।”
इस तरह की एकतरफा कार्रवाई जाँच को प्रभावित करने का एक प्रयास है। ट्विटर द्वारा जांच प्रक्रिया में यह एक स्पष्ट ओवररीच, जो पूरी तरह से अनुचित है।“
हालाँकि सरकार द्वारा ट्विटर को नोटिस दिए जाने के बाद भी इस लेख को लिखे जाने तक बीजेपी नेताओं के ट्वीट से “Manipulated Media” का टैग नहीं हटा था। ट्विटर की हरकते अब सीमा पार कर रही है।अब सरकार को नोटिस नहीं बल्कि ट्विटर के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।
पिछले कुछ समय से जिस तरह ट्विटर ने दक्षिणपंथी आवाज को दबाने की कोशिश की है उससे अब सरकार को सीख लेते हुए एक बड़ा निर्णय लेने की आवश्यकता है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इस मामले पर अगला कदम क्या उठाती है।