हैदराबाद में चारमीनार के पास स्थित मदीना मार्केट में ईद उलफितर के मौके पर भारी भीड़ देखने को मिली है। सोशल मीडिया पर वायरलbवीडियो में लोगों को बिना मास्क के देखा जा सकता है। तेलंगाना में पहले ही 6 हजार से अधिक मामले प्रतिदिन आ रहे हैं एवं देशभर में दिल्ली, बैंगलौर, मुम्बई आदि बड़े शहरों में हालात बहुत खराब हैं, ऐसे में हैदराबाद में इस तरह भीड़ का जुटना बेहद चिंताजनक है।
हाल में ही तेलंगाना सरकार ने दावा किया था कि लगातार चौथी दिन उनके राज्य में पॉजिटिव मामले बढ़ने की संख्या, ठीक हुए लोगों की संख्या से कम रही है, जिससे लगातार चौथी दिन राज्य में कुल एक्टिव मामलों की संख्या घटी है। यह राज्य के लिए शुभ संकेत थे, किन्तु अब ईद के दौरान लोग जिस तरह कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं और सरकार इसे अनदेखा कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस समय भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश में अचानक बढ़ी ऑक्सीजन और बेड की मांग की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार, सैन्यबल, DRDO, देश के उद्योगपति सहित विभिन्न राज्य सरकारें दिन रात काम कर रही हैं। विदेशों से ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर तथा अन्य आवश्यक सामान सहायतार्थ आ रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों का रवैया ऐसा है जिससे भारत की यह लड़ाई कमजोर ही पड़ रही है।
हाल ही में अजमेर में भी इसी तरह एक बड़ा जुलूस यति नरसिम्हानंद सरस्वती के बयानों के विरोध में जुटा था। हिन्दू समुदाय के विरुद्ध भड़काऊ टिप्पणियों के अतिरिक्त इस जुलूस में मौजूद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया। ऐसा ही नांदेड़ गुरुद्वारा के पास भी देखने को मिला जहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवा रही पुलिस पर ही हमला कर दिया गया।
केरल उन कुछ राज्यों में है, जहाँ हालात सबसे खराब हैं। लेकिन यहाँ भी चर्च द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। इसके बाद खबर आई है कि वहाँ 100 से अधिक पादरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि दो लोगों की मृत्यु भी हुई है।
किसान आंदोलन स्वयं एक सुपरस्प्रेडर का काम कर रहा है। इस समय देश में कोरोना से सबसे अधिक मौत की दर पंजाब में ही है। पंजाब में मरने वालों की दर 2.41 है जो कि भारत की औसत दर 1.09 से बहुत अधिक है। 2.8 करोड़ की आबादी वाले छोटे राज्य में 8 हजार मामले रोज सामने आ रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के औसत की तुलना में 9 गुना अधिक है।
इसका सबसे कारण कारण किसान आंदोलन है, जिसे लेकर कोई प्रश्न नहीं उठाया जा रहा। दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में UK वैरिएंट फैलने के पीछे भी यही किसान आंदोलन ही है, लेकिन अब भी इसे समाप्त करने के कोई प्रयास न तो आंदोलनकारियों की ओर से हो रहे हैं, न ही सरकार की ओर से।
हैदराबाद से आई तस्वीरों से हर भारतीय को डरना चाहिए। केवल हैदराबाद ही नहीं, किसी भी शहर में किसी भी समुदाय या संगठन द्वारा की जा रही रैलियों को देखकर डरना ही चाहिए। क्योंकि ऐसी तस्वीरें बताती हैं कि भारत के लोग कोरोना के प्रकोप को लेकर अभी भी गंभीर नहीं हुए हैं। आम भारतीय का गैर जिम्मेदाराना रवैया, कोरोना के विरुद्ध भारत की लड़ाई को कमजोर बना रहा है।