“मौजूदा अध्यक्ष के नेतृत्व में IMA दे रहा है धर्मांतरण को बढ़ावा”, IMA का FCRA license रद्द करने की मांग उठी

Indian Medical Association का अध्यक्ष जेल के पीछे होना चाहिए!

IMA अध्यक्ष

(PC: Organiser)

इंडियन मेडिकल असोसिएशन यानि IMA इन दिनों दो कारणों से विवादों के घेरे में है। एक तो IMA के अधिकारी आयुर्वेद बनाम एलोपैथी की वजह से योग गुरु रामदेव के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं। IMA के विवाद यहीं खत्म नहीं होते। अब एक लीगल संस्था ने IMA पर चिकित्सा के नाम पर वर्तमान अध्यक्ष के नेतृत्व में धर्मांतरण का आरोप लगाया है और साथ ही IMA का FCRA लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।

परंतु IMA का वर्तमान अध्यक्ष है कौन? उसने ऐसा क्या किया जिसके कारण एक लीगल संस्था को कोर्ट में मुकदमा दायर करना पड़ा है?

दरअसल, हाल ही में लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने न केवल IMA के वर्तमान अध्यक्ष पर चिकित्सा के नाम पर ईसाई धर्म में धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, बल्कि उनका FCRA लाइसेंस रद्द करने की मांग भी की है –

ट्वीट के अनुसार, “हाल ही में हमने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें हमने IMA के वर्तमान अध्यक्ष डॉक्टर JRA जयलाल द्वारा अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा दिये जाने पर प्रकाश डाला है। इसे खुद इस संस्था के अध्यक्ष ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया है”।

परंतु डॉक्टर जयलाल ने ऐसा भी क्या कहा जिसके कारण IMA का FCRA लाइसेंस रद्द कराने की मांग की गई है? ऑर्गनाइज़र की रिपोर्ट के अनुसार,

“LRPF ने Haggai International और Christian Today को दिए दो साक्षात्कार चिह्नित किए हैं, जिसमें IMA के वर्तमान अध्यक्ष ने अपनी असलियत जगजाहिर की है। उन्होंने कुछ ऐसा कहा था –

  1. वर्तमान हिन्दू राष्ट्रवादी सरकार आधुनिक दवाइयों के उद्योग को नष्ट करना चाहती है।
  2. सरकार ने कोविड के कारण हुई लोगों को दिक्कतों और कठिनाइयों का कोई ख्याल नहीं रखा, पर चर्च ने रखा है।
  3. यह लोग [भाजपा सरकार] एक देश, एक राष्ट्र, एक चिकित्सा व्यवस्था को लागू करना चाहते हैं। फिर कहेंगे कि एक ही धर्म होगा। यह अप्रत्यक्ष रूप से संस्कृत को लाकर लोगों के मन में हिन्दुत्व का प्रचार करना है।

यहाँ पर आप IMA के वर्तमान अध्यक्ष के मन में हिन्दू धर्म के प्रति नफ़रत की भावना को साफ़ देख सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि वह वुहान वायरस की आड़ में धर्मांतरण को बढ़ावा देना चाहता है। इतना ही नहीं, यहाँ पर जिस प्रकार से वर्तमान केंद्र सरकार को घेरे में लेने की आड़ में इस व्यक्ति ने सनातन धर्म के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है, वो भी स्पष्ट करता है कि इसके इरादे क्या हैं। इसीलिए जब योग गुरु रामदेव ने एलोपैथी पर सवाल उठाया, तो उन्हें नीचा दिखाने के नाम पर IMA आयुर्वेद और सनातन धर्म का ही अपमान करने लगा।

ऐसे में LRPF द्वारा गृह मंत्रालय को लिखा गया पत्र न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि आवश्यक भी है। केंद्र सरकार को IMA के वर्तमान अध्यक्ष के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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