योग और आयुर्वेद को निशाने पर लेकर आए दिन बेबुनियाद बात करने वाले IMA के अध्यक्ष डॉ. जे ए जयलाल ने योगगुरु बाबा रामदेव पर आरोप तो लगा दिए, लेकिन वो भी जानते हैं कि रामदेव का वो कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते हैं। इसलिए अब IMA अध्यक्ष की सारी हेकड़ी निकल गई हैं और वो बाबा रामदेव के खिलाफ भेजे गए नोटिस वापस लेने पर सहमत हो गए हैं। डॉ. जे ए जयलाल पर रामदेव ने धर्मपरिवर्तन के काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं विवादों में आने के कारण जयलाल के खिलाफ कुछ बड़े खुलासों ने उनकी सिट्टी-पिट्टी ही गुल कर दी है। यही कारण है कि अब वो धीरे-धीरे रामदेव के आगे झुक रहे हैं।
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योगगुरु बाबा रामदेव के एक बयान को निशाना बनाकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पूरे आयुर्वेद की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा था। इसी मुद्दे पर पिछले दो हफ्तों से एक बड़ी बहस चल रही है कि आयुर्वेद अच्छा या एलोपैथी। जब तक ये मामला IMA और बाबा रामदेव के बीच था, तब तक किसी ने आपत्ति जाहिर नहीं की, लेकिन आयुर्वेद को आड़े हाथों लेने पर IMA की मुसीबतें भी हद से ज्यादा बढ़ गई हैं , क्योंकि IMA अध्यक्ष डॉ. जे ए जयलाल पर मिशनरीज से पैसा लेकर धर्म परिवर्तन कराने तक के आरोप लग रहे हैं।
अपने ऊपर लगातार लगते आरोपों और पुराने खुलते चिट्ठों से डरकर अब IMA अध्यक्ष के रुख नरम पड़ गए हैं। उन्होंने रामदेव को नोटिस भेजे गए मामलों को लेकर कहा, “योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ हमारे मन में कुछ नहीं है। उनके बयान कोविड-19 के लिए टीकाकरण के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रम में डाल सकते हैं, उन्हें भटका सकते हैं। यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि उनके अनेक अनुयायी हैं।” साफ है कि वो ये दिखाने की कोशिश कर रहें कि उनका मुद्दा एलोपैथी को नीचा दिखाने को लेकर है।
डॉ. जे ए जयलाल ने साफ कहा है कि यदि बाबा रामदेव अपने बयान को वापस लेते हैं, तो फिर IMA उनके खिलाफ भेजें गए नोटिस को वापस लेने पर सहमत हो सकतें हैं। जयलाल का ये बयान कहीं उनके बैकफुट में आने का संकेत देता है, क्योंकि पिछले दिनों ही बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा IMA के अध्यक्ष के ऊपर धर्म परिवर्तन के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके अलावा TFI ने भी आपको IMA के धर्म परिवर्तन के रैकेट का पर्दाफाश किया था।
वहीं आयुर्वेद के खिलाफ कुतर्क भी IMA को सबसे अधिक भारी पड़े हैं। ऐसे में IMA अध्यक्ष ने अपनी पोल पट्टी खुलने पर खुद ही मान लिया है कि उनका बाबा रामदेव से कोई बैर नहीं है। उनकी इस बात का संकेत साफ है कि वो रामदेव के साथ हुए इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं।