भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपने शानदार प्रदर्शन के कारण पहुंचा दुनिया भर में तीसरे पायदान पर

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व भर में भारत ने की बेहतरीन प्रगति

भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में तीसरे पायदान

भारत EY’s Renewable Energy Country Attractiveness Index के तीसरे पायदान पर आ गया है। इसका कारण भारत द्वारा सोलर एनर्जी के क्षेत्र में किया गया शानदार प्रदर्शन है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 2040 तक सौर ऊर्जा का उत्पादन, कोयले से ऊर्जा उत्पादन की अपेक्षा अधिक हो जाएगा। अब केवल चीन और अमेरिका ही भारत से इस मामले में आगे हैं। EY इंडिया के प्रमुख सोमेश कुमार ने कहा की, “भारत द्वारा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विकास करने के कारण भारत गैर पारम्परिक ऊर्जा के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है की भारत में सौर उर्जा, पवन ऊर्जा से अधिक हो गई है। इस समय भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 39 गीगावॉट है।”

भारत सरकार ने एक महत्वकांक्षी योजना शुरू की थी, जिसके तहत भारत ने गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोत के जरिये 100 गीगावॉट ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा था। गैर पारम्परिक स्त्रोत में ऐसे स्त्रोत आते हैं, जिससे प्रकृति को नुकसान न हो, जैसे जलऊर्जा, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि। भारत सरकार ने सौर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करके लक्ष्य पा लिया है। अब भारत सरकार की योजना 2030 तक 450 गीगावॉट renewable energy पैदा करने की है।

सरकार ने renewable energy के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 100 प्रतिशत कर दिया है। सरकार कई ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट चला रही है, जिससे निवेशकों को आसानी हो। आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्यों में केंद्र सरकार ने इस तरह के कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है। राजस्थान में पहला ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनकर तैयार भी हो चुका है।

भारत में सौर ऊर्जा को तेजी से फैलाने में अडानी ग्रुप का बड़ा योगदान है। अकेले अडानी ग्रुप हर साल 3.5 गीगावॉट की सौर ऊर्जा  उत्पादन कर रहा है, जिससे यह विश्व की 15 सबसे बड़ी सौर उत्पादक कंपनियों में से एक बन जाएगा। अभी कुछ ही दिनों पहले अडानी ग्रुप ने भर्ती ग्रुप और SBG की संयुक्त सोलर कंपनी SB ग्रुप को अधिग्रहित किया है। अडानी ग्रुप द्वारा संचालित कमुथी सोलर पॉवर प्लांट, विश्व का 12वां सबसे बड़ा प्लाट है। इस प्लांट के निर्माण में भी अडानी ग्रुप ने तमिलनाडु सरकार की मदद की थी। इस प्लांट पर अडानी ग्रुप ने 4,500 करोड़ से अधिक का निवेश किया था।

पिछले वर्ष जून महीने में अडानी ग्रुप ने विश्व का सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट अपने नाम किया था। आठ गीगावॉट क्षमता वाले सोलर प्लांट के निर्माण के लिए अडानी ग्रुप 6 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा।

भारत सरकार को प्रयास करना चाहिए की अडानी ग्रुप के अतिरिक्त अन्य कंपनियों का भी इस क्षेत्र में रुझान बढ़ें। निजी निवेश के बल पर ही भारत अपने 450 गीगावॉट renewable energy के लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त कर सकेगा। इसके लिए एक अनुमान के मुताबिक कम से कम 500 बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है। बिना निजी निवेश के केवल सरकारी प्रयास से यह लक्ष्य पाना संभव नहीं है।

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