कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए दुनिया भर की कंपनियां अलग- अलग तकनीक से वैक्सीन बना रही है। जैसे कि वायरल वेक्टर तकनीक , mRNA तकनीक, प्रोटीन आधारित वैक्सीन और इनएक्टिवेटेड वायरस तकनीक का प्रयोग करके वैक्सीन बनाना। ऐसे में एक और नई तकनीक की वैक्सीन अपनी शुरुआती परीक्षण में काफी ज्यादा कारगार साबित हो रही है और वह है nasal spray वैक्सीन।
आपको बता दें कि भारत की दोनों वैक्सीन कंपनिया भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया nasal spray वैक्सीन को बनाने में आगे बढ़ चुकी है। भारत बायोटेक का तो पहला चरण का क्लिनिकल ट्रायल 8 मई को ही खत्म होने वाला था। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने भी nasal वैक्सीन बनाने की ओर कदम बढ़ा लिया है। बता दें कि, SII के nasal spray वैक्सीन का पहला ट्रायल लंदन में शुरू हो चुका है।
इसके साथ ही वैंकूवर (कनाडा) बायोटेक फर्म SaNOtize द्वारा विकसित स्व-प्रशासित नाइट्रिक ऑक्साइड स्प्रे यानी के nasal spray वैक्सीन का दो ट्रायल सफलता पूर्वक समाप्त हो चुका है। माना जा रहा है कि SaNOtize द्वारा विकसित इस वैक्सीन को यूके और कनाडा में हुए क्लिनिकल ट्रायल में आशाजनक परिणाम मिले हैं। बता दें कि यह वैक्सीन कोरोना के यूके वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर साबित हो रहा है।
SaNOtize की को-फाउंडर और सीईओ डॉक्टर Gilly Regev ने कहा कि, “हम वर्तमान में भारत में सही पार्टनर खोजने का काम कर रहे हैं। हमे उम्मीद है कि इसे भारत में कोविड-19 को रोकने के लिए एक चिकित्सा उपकरण के रूप में स्वीकार किया जाएगा।” डॉक्टर Regev ने आगे कहा कि, “मैं चाहती हूं कि यह वैक्सीन भारत के किसी शहर में जाकर दे दूं और साबित कर दूं कि यह कोरोना संक्रमण को मारने में कितना ज्यादा सक्षम है। अगर हम इसे पिछले साल मार्केट में लाए होते तो आज लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती थी।”
आपको बता दें कि SaNOtize की nasal spray वैक्सीन के दो ट्रायल हो चुके हैं और अब बस आखिरी ट्रायल बचा है। पहले दो चरण कनाडा और लंडन में किये गये हैं और दोनों ही चरणों में इस वैक्सीन को 100 प्रतिशत सफलता प्राप्त हुई है।
SaNOtize अपनी इस वैक्सीन का तीसरा ट्रायल भारत में करना चाहता है। SaNOtize के तीसरे चरण के परीक्षणों में भाग लेने के लिए 4,000-5,000 लोगों की योजना बना रहा है। डॉक्टर Regev ने आगे कहा है कि “हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे तीसरे चरण का ट्रायल भारत में हो। हम दुनिया भर में ट्रायल के अनुकूल स्थान की खोज कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि भारत में कुछ संभावनाएं और स्थान हैं जहां हम अपना आखिरी ट्रायल कर सकते हैं।”
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आप देख सकते है कि कैसे दुनिया भर की फार्मा कंपनी कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए नई – नई तकनीक की खोज कर रही है। इस कड़ी में भारत बायोटेक भी पीछे नहीं है, फिलहाल वह nasal spray वैक्सीन की दूसरे चरण की तैयारी में जुट चुका है। इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से भी उम्मीद है कि वह अपने इस नए वेंचर को गति देंगे और जल्द से जल्द nasal spray वैक्सीन भारत के बाजारों में लेकर आएंगे।