सनातन धर्म के प्रति लिबरलों की घृणा फिर जगज़ाहिर- योगी सरकार द्वारा गायों के लिए Oximeter की खरीद की झूठी खबर फैलाई

वामपंथी ये साबित करना चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन को जनता के दुख दर्द की कोई खबर नहीं है, और उन्हे लोगों से ज्यादा गाय प्यारी हैं।

योगी

(PC: OrissaPost)

भारत को इस समय दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ने को विवश होना पड़ रहा है। एक ओर उसे वुहान वायरस की घातक महामारी से लड़ना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर उसे भ्रामक खबरों और उसे फैलाने वाले वामपंथियों का भी सामना करना पड़ रहा है, जो वुहान वायरस की आड़ में अपने योगी विरोध के अंतर्गत सनातन धर्म के प्रति अपनी घृणा फिर से जगजाहिर करना चाहते हैं।

हाल ही में वामपंथी मीडिया पोर्टल्स ने यह अफवाह फैलाने का प्रयास किया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों से ज्यादा गायों को प्राथमिकता दे रहे हैं। कई मीडिया पोर्टल्स के अनुसार योगी आदित्यनाथ गायों के लिए विशेष तौर पर हेल्प डेस्क तैयार कर रहे हैं, जिसके अंतर्गत ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर तक गौशालाओं के पशुओं को प्रदान किए जाएंगे।

तो इसमें समस्या क्या है? दरअसल इस खबर को जिस भाषा में और जिस लहजे में वामपंथी मीडिया ने लिखा है, वो स्पष्ट तौर पर सनातन धर्म के प्रति इनकी घृणा को दिखाता है। विश्वास नहीं होता तो आप इन स्क्रीनशॉट्स पर एक नजर ध्यान डाल सकते हैं–

इससे वामपंथी ये छवि पेश करना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन को जनता के दुख दर्द की कोई खबर नहीं है, और उन्हे लोगों से ज्यादा गाय प्यारी हैं। हालांकि सच्चाई तो यह है कि इतनी चुनौतियों के बावजूद उत्तर प्रदेश देश के उन चंद राज्यों में शामिल हैं, जहां न केवल वुहान वायरस के दूसरे लहर से सफलतापूर्वक लड़ा जा रहा है, बल्कि टीकाकरण के लिहाज से भी वह कई राज्यों से बहुत आगे चल रहा है।

ऐसे में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने आक्रामक रुख अपनाते हुए न सिर्फ इन भ्रामक खबरों का खंडन किया, बल्कि इन वामपंथी पोर्टलों को आईना भी दिखाया। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार सरकारी गौशाला में जो भी कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनके उपचार और जांच पड़ताल हेतु ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर भेजे गए हैं, और ये उपकरण केवल गायों के लिए नहीं है

लेकिन यह समस्या आज की नहीं है, और न ही वामपंथियों द्वारा सनातन धर्म के प्रति इस प्रकार का प्रोपगैंडा फैलाना कोई नई बात है। जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार सत्ता में आई है, तभी से उसे नीचा दिखाने के लिए वामपंथी मीडिया भ्रामक खबरें फैलाती आई है, चाहे वो गोरखपुर में ऑक्सीजन सिलिन्डरों की किल्लत का मामला हो, या फिर हाथरस हत्याकांड का मामला रहा हो। वुहान वायरस की दूसरी लहर ने तो मानो इन पोर्टल्स को उत्तर प्रदेश सरकार को नीचा दिखाने और सनातन धर्म को अपमानित करने का एक सुनहरा अवसर दे दिया है, जिसका जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है।

लेकिन अपने अतिउत्साह में वामपंथी ये भूल गए कि वे किससे भिड़ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने न कभी वामपंथी मीडिया पोर्टल्स की जी हुज़ूरी की और न ही कभी उनके प्रोपगैंडा को हल्के में लिया। असल में वामपंथियों से ये बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि इतनी चुनौतियों के बाद भी कोई सरकार एक महामारी से कैसे विचलित नहीं हो सकती है, और कैसे इतने प्रोपगैंडा के बावजूद कोई सरकार अपने विचारों पर अडिग रह सकती है। लेकिन ये योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जिसका प्रारंभ से ही एक स्पष्ट संदेश रहा है – कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।

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