सूरजपुर DM के खिलाफ भूपेश बघेल की कार्रवाई देख Liberal खेमे में खुशी की लहर, लेकिन ऐसे कई ‘बिगड़ेल’ अधिकारी हैं

सूरजपुर DM के बाद SDM और SP का वीडियो आया सामने!

सूरजपुर DM रणबीर शर्मा

छत्तीसगढ़ सरकार ने रविवार को सूरजपुर के DM रणबीर शर्मा का तबादला कर दिया। उनका एक युवक को थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनका तबादला कर दिया। शर्मा का राज्य सचिवालय के संयुक्त सचिव के रूप में तबदाला किया गया है लेकिन फ़िलहाल बिना किसी जिम्मेदारी के।

हालाँकि देखा जाये तो एक तरह से सूरजपुर के DM रणबीर शर्मा का प्रमोशन ही हुआ है जो कुछ समय बाद उन्हें जिम्मेदारी मिलने से स्पष्ट हो जायेगा। भूपेश बघेल प्रशासन द्वारा इस त्वरित कार्रवाई पर लिबरल ब्रिगेड ख़ुशी के मारे नाचने लगे।

परन्तु अब यह एक मात्र मामला नहीं है बल्कि अब सूरजपुर के SDM का भी वीडियो सामने आया है जिसमें वे एक बच्चे तो थप्पड़ मार रहे हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बाकि अफसरों का क्या जो शक्तियों का दुरूपयोग कर रहे हैं?

सूरजपुर के जिला कलेक्टर रणबीर शर्मा के बाद अब सूरजपुर के SDM भी उनके ही नक्शेकदम पर चलते हुए दिख रहे है। वायरल वीडियो में देख सकते है कि किस तरह SDM प्रकाश राजपूत मास्क पहने युवक को थप्पड़ मार रहे है।

https://twitter.com/SatyaVijaySin20/status/1396319794186440712?s=20

वीडियो में दिख रहा है कि SDM साहब लॉकडाउन का पालन करवाने खुद सड़क पर हैं। वे लोगों से उठक-बैठक करवा रहे हैं और सबको भगा रहे हैं। इसी बीच ये युवक उन्हें मिल गया, SDM साहब ने ना आव देखा और ना ताव, उसको थप्पड़ जड़ दिया। इतना ही नहीं थप्पड़ जड़ने के बाद उससे उठक-बैठक भी करवाई। इस दौरान युवक हाथ जोड़कर माफी मांगता भी नजर आया।

वहीँ सूरजपुर के ही SP का भी वीडियो सामने आया है जिसमें वह बाइक से जाते हुए युवक को लाठी से पिट रहे है।

ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अफसरों को कुछ अधिक ही छुट दे रखी है जिससे ये अधिकारी अपनी सीमा लांघने में तनिक भी नहीं हिचकिचा रहे हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि इस राज्य में कई ऐसे अधिकारी होंगे जो लगातार इस तरह की अमानवीय हरकत करने होंगे और मामला सामने न आने की वजह से बच कर आसानी से निकल जाते होंगे।

बता दें कि सूरजपुर के DM रणबीर शर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक लड़के को थप्पड़ मारकर उसका फोन तोड़ रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने इस अफसर को सस्पेंड करने की मांग की और मामले को ट्विटर पर ट्रेंड कराया।

डीएम साहब का काम था कि वो वैक्सिनेशन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें और साथ ही सभी नियमों का पालन करें, लेकिन वो तो दवा लेने गए लोगों को ही मारने पर उतारू हो गए। सोशल मीडिया पर जब ये खबर फैली तो सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें पद से हटा दिया है, जो कि बेहद आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने रविवार को ट्वीट किया, “सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर का दुराचार मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद निंदनीय है, छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई भी आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया गया है।“

उन्होंने कहा, “किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा ऐसा आचरण अस्वीकार्य है। इस घटना से क्षुब्ध हूँ। मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूँ।“

और पढ़े: सूरजपुर जिले के DM ने दवा लेने जा रहे व्यक्ति को मारा थप्पड़, लोगों की नाराजगी के बाद CM ने पद से हटाया

बता दें कि रणबीर शर्मा इससे पहले भालुओं पर गोली चलवाने के लिए भी मशहूर हो चुके हैं। उन्होंने 2014 में एक भालू पर पुलिस को गोलियां चलाने का आदेश दिया था। भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत भालू विशेष अनुसूची में है। लेकिन बावजूद जब उस वक्त वन विभाग के अधिकारी भालू को पकड़ने की तैयारी कर ही रहे थे कि आवेश में आकर रणबीर शर्मा ने भालू को शूट करने का आदेश दे दिया।

इस पर काफी हल्ला मचा, लेकिन डीएम साहब पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं सूरजपुर DM रणबीर शर्मा के ऊपर रिश्वतखोरी का भी मामला सामने आया था। भ्रष्टाचार निरोधक इकाई एसीबी ने उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। वर्ष 2015 में जब रणबीर शर्मा कांकेर के भानुप्रतापपुर के एसडीएम थे, तब उन्होंने अपने पटवारी सुधीर लकड़ा से जमीन खरीद-बिक्री के मामले की जांच के दौरान 40000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। उस दौरान भी उन्होंने दांव पेंच लगा कर अपने आप को बचा लिया था।

यानी देखा जाये तो ये अधिकारी रिकॉर्ड से ही अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने में माहिर था। इसके बाद SDM की भी उसी प्रकार से हरकत दिखाती है कि छत्तीसगढ़ प्रशासन ने इन अधिकारीयों को खुली छुट दे रखी है। ये अफसरशाही अब इन अधिकारीयों के सर चढ़कर बोल रहा है जिससे ये जनता को तुच्छ समझने की भूल कर रहे हैं। ऐसा भारत के सभी राज्यों में देखने को मिलता है। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिकारी अपनी सीमा में रहे और ऐसे अमानवीय व्यव्हार पर उन्हें तुरंत दंड मिल सके।

Exit mobile version