असम में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अपना मुख्यमंत्री बदला है और सर्वानंद सोनोवाल की जगह हिमंता बिस्व सरमा को मौका दिया है। नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक और पूर्वोतर के सबसे लोकप्रिय नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को असम के 15 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि, शपथ लेने के बाद सोमवार को ही हिमंता बिस्व सरमा ने बड़ा ऐलान कर दिया। हिमंता ने कहा है कि उनकी सरकार चुनाव में किए गए सभी वादों को पूरा करेगी, जिसमें लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की बात भी शामिल है।
दरअसल, मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले ही मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य असम को अगले पांच वर्षों में भारत के शीर्ष पांच राज्यों में से एक बनाना है और मुख्य फोकस महामारी को नियंत्रित करना, सभी चुनावी वादों को पूरा करना और राज्य को वार्षिक बाढ़ के कहर से मुक्त करना होगा।
इसके साथ ही हिमंता ने कहा कि भगवा पार्टी सत्ता में लौटने पर “लव जिहाद” और “लैंड जिहाद” से मजबूती से निपटेगी। यानी चुनाव से पहले किये गए वादे को पूरा करेगी। बता दें कि चुनवा से पहले भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में लव जिहाद के खिलाफ एक बिल लाने की घोषणा की थी। उस दौरान भी हिमंता ने कहा था कि भाजपा लव जिहाद के खिलाफ कानून में लड़के के लिए यह भी अनिवार्य कर देगी कि जब वह शादी करे तब वह अपने धर्म का खुलासा जरूर करे और इस संबंध में बीजेपी सरकार विधानसभा में एक विधेयक भी पारित करेगी।
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उन्होंने कहा था, “किसी भी लड़की से शादी करने से पहले लड़के को अपनी पहचान, धर्म और आय का अवश्य खुलासा करना होगा।असम सरकार ने ‘धोखे से शादी’ करने के बढ़ते ट्रेंड की रोकने का फैसला किया है, जिसमें मुस्लिम लड़का अपने धर्म के बारे में झूठ बोलकर किसी हिंदू लड़की से शादी करता है।“
इससे पहले भी लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए हिमंता ने कहा था कि, “असम में हम देख रहे हैं कि दो और तीन नए ट्रेंड उभर रहे हैं, जिनमें कई मुस्लिम लड़के हिंदू नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उस पर अपनी मंदिर वाली तस्वीर अपलोड कर रहे हैं। ऐसे में लड़कियां उनसे शादी कर लेती हैं और बाद में उन्हें पता चलता है कि वह दोनों एक धर्म के नहीं हैं। यह प्रमाणिक शादी नहीं है- यह झूठी जानकारी पर आधारित है और एक तरह से यह विश्वासघात है।”
अब लगता है की मुख्यमंत्री हिमंता उत्तर प्रदेश की तरह जल्द ही असम विधानसभा में भी लवजिहाद के खिलाफ कानून ला सकते हैं।