उद्धव सरकार कोरोना मामलों में मुबंई का उदाहरण दे अच्छी तस्वीर दिखा रही है, सच्चाई कुछ और है

महाराष्ट्र सरकार मुंबई की आड़ में बचना चाहती है

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Navabharat

महाराष्ट्र भारत में कोरोनावायरस का मुख्य गढ़ बन चुका है। देश में जहां पहली लहर के बाद दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है तो वहीं इसके विपरीत महाराष्ट्र में अभी भी पहली लहर खत्म नहीं हुई है और महाराष्ट्र को ही देश‌ में कोरोनावायरस की दूसरी लहर का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। इस बीच अब महाराष्ट्र सरकार मुंबई को लेकर एक नई नीति के साथ सामने आई है।

पिछले कुछ दिनों में मुंबई में घटे कोरोना केस को लेकर महाराष्ट्र सरकार इसे इस तरह से पेश‌ कर रही है, जैसे पूरे महाराष्ट्र की स्थिति सुधर गई हों, जबकि ये बातें हकीकत से परे हैं। उद्धव सरकार मुंबई के घटे हुए केसों के नाम पर महाराष्ट्र की छवि सुधारने की कोशिश कर रही है।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोनावायरस शायद पिछले मार्च से शुरू होने के बाद‌ खत्म ही नहीं हुआ। कोरोनावायरस का गढ़ बन चुका ये शहर अन्य शहरों के लिए भी मुसीबत बन गया है, लेकिन हाल‌ में कोरोना के आंकड़े यहां घटे हैं जो कि एक अच्छी खबर है। इतना ही नहीं टेस्टिंग में पॉजिटिविटी रेट पहली बार दहाई अंकों से नीचे जाकर 9.94 प्रतिशत पर आ गया है।

बीएमसी द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, 24 घंटों में 43,525 टेस्ट किए गए हैं, जिनमें से 4,328 पॉजिटिव केस हैं, लेकिन इन आंकड़ों में बदलाव की संभावना से बीएमसी ने‌ इंकार नहीं किया है।

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मुंबई की पॉजिटिविटी रेट पिछले एक महीने में पहली बार दहाई अंक से नीचे आया है। वहीं चार अप्रैल को कोरोना का पॉजिटिविटी रेट करीब 27 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जो जाहिर करता है कि मायानगरी मुंबई की हालत कितनी ज्यादा बुरी थी। हालांकि, अब यहां कोरोनावायरस के मामलों में सुधार देखने को मिल रहा है। प्रतिदिन 6,000 से अधिक आने वाले कोरोना केस अब मुंबई में 3,800 तक पहुंच गए हैं, जो कि एक गिरते ग्राफ का संकेत है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार अब नई नौटंकियां कर रही है।

मुंबई में घटते कोरोना केस को लेकर लगातार मीडिया में खबरें प्रकाशित की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि “तीसरी लहर अगस्त तक आ सकती है, लेकिन हम तैयार हैं।” ये दिखाता है कि मुंबई में कोरोना के कम हो रहे केसों को महाराष्ट्र सरकार ने पुरे महाराष्ट्र की स्थिति मान लिया है। मुंबई में घटते केसों के जरिए वो ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के अन्य सभी इलाकों में भी कोरोना से हालात सुधर रहे हैं, जबकि स्थितियां बिल्कुल विपरीत है।

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महाराष्ट्र में कोरोनावायरस की स्थिति में तनिक भी सुधार नहीं आया है। पिछले एक हफ्ते की बात करें तो राज्य से प्रतिदिन 60,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। मुंबई के केस कम होने से आंकड़ों में दो चार हजार का फर्क पड़ा है, लेकिन हकीकत यही है कि आज भी 60,000 केस सामने आ रहे हैं।  ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस की स्थिति पहले की तरह ही भयावाह है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार मुंबई के घटे आंकड़ों के जरिए पूरे महाराष्ट्र की छवि सुधारने की कोशिश कर रही है, जो कि उसकी धूर्तता को दर्शाता है।

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