दूसरी लहर संभाली नहीं गई और तीसरी लहर को खुला निमंत्रण दे रहा है महाराष्ट्र

अरे करना क्या चाहते हो?

इन दिनों वुहान वायरस की दूसरी लहर से निपटने में भारत काफी हद तक सफल हो रहा है। टीकाकरण का अभियान रफ्तार पकड़ रहा है, देश विदेश से हर प्रकार की सहायता पहुँच रही है और कई राज्यों में तो रिकवरी का दर संक्रमण के दर को मीलों पीछे छोड़ चुका है। लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं, और इन्ही में अग्रणी है महाराष्ट्र।

महाराष्ट्र ने वुहान वायरस से लड़ाई में हर बार भारत की नाक कटवाई है। जब दूसरी लहर की शुरुआत हुई, तो ये महाराष्ट्र प्रशासन की लापरवाही का ही नतीजा था, कि जिस महामारी को एक प्रांत में सीमित किया जा सकता है, वो फिर से पूरे देश में फैल चुका है और कई प्रांतों को लॉकडाउन जैसी पाबंदियाँ लगाने पर विवश होना पड़ा है।

महाराष्ट्र में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है, और इसके बावजूद न भीड़ में कोई कमी आई है, और न ही लोग सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कर रहे हैं। हिंदुस्तान समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, “कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश का हाल बेहाल किया हुआ है। रोजाना संक्रमण के 3 से 4 लाख मामले डरा रहे हैं। साथ ही हर दिन हजारों लोगों की मौत की खबरें भी लगतार आ रही हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में भी राज्य सरकार ने 15 मई तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया है।लेकिन इस लॉकडाउन के बीच भी नागपुर की सड़कों पर जो नजारा देखने को मिला वह हैरान करने वाला था। दरअसल यहां लॉकडाउन के बावजूद बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिली”

आप इन तस्वीरों से साफ समझ सकते हैं कि इतनी विकराल स्थिति होने के बाद भी लोगों को कोई चिंता नहीं है। लेकिन जब प्रशासन ही वैक्सीन की जमाखोरी, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की आपूर्ति रोकने में लगा हुआ, तो भला लोगों से कोई अनुशासन की आशा कैसे कर सकता है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि महाराष्ट्र गाजे बाजे सहित वुहान वायरस की तीसरी लहर को निमंत्रण दे रहा है

लेकिन यह कैसे संभव है? महाराष्ट्र में तो मामले घट रहे हैं न? लेकिन उद्धव सरकार के लचर रवैये को देखते हुए इसकी उम्मीद बहुत ही कम है कि यह स्थिति ज्यादा दिनों तक टिकी रहेगी। इसके अलावा जिस प्रकार से लोग आए दिन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, और आवश्यक दवाइयों एवं टीकों की जमाखोरी कर रहे हैं, उसे देखते हुए भी महाराष्ट्र में स्थिति बेहतर होने के आसार कम ही लगते हैं।

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि उद्धव सरकार के लचर रवैये के कारण महाराष्ट्र एक बार फिर देश को गर्त में धकेलने के लिए तैयार है, क्योंकि अगर अभी ये हाल है तो जब वुहान वायरस की तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास आएगी, तब महाराष्ट्र का क्या हाल होगा?

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