‘ममता की मौजूदगी से फैलता है आतंक’, CBI ने की नारदा केस को बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग

ममता बनर्जी का बचना अब मुश्किल है

सीबीआई बंगाल

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC के कार्यकर्ता और उनका आक्रमक रवैया ही ममता के लिए मुसीबत बनने वाला है। नारदा केस को लेकर सीबीआई दफ्तर और कोर्ट परिसर में घुसकर अराजकता फैलाना अब उन कार्यकर्ताओं के अलावा ममता को भी भारी पड़ने वाला है, क्योंकि अब CBI ने कोलकाता हाईकोर्ट में ममता पर निशाना साधते हुए नारदा केस को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की बात कही है। इतना ही नहीं CBI ने ममता को आड़े हाथों लेते हुए हिंसा और आतंक फैलाने का जिम्मेदार तक बताया है जो कि किसी राज्य की मुख्यमंत्री के लिए एक बेहद शर्मनाक बात है।

नारादा घोटाले से जुड़ें मामले में TMC के चार नेताओं की गिरफ्तारियों को लेकर ममता बनर्जी खुद सीबीआई दफ्तर निजाम पैलेस के सामने धरने पर बैठ गईं थीं, जिसके बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा सीबीआई दफ्तर समेत कोर्ट में पेशी के दौरान खूब बवाल मचाया गया था। इस मुद्दें पर अब CBI ममता को निशाने पर ले रही है। सीबीआई ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका के जरिए मांग की है कि ममता और उनके सहयोगी नेताओं की दखलंदाजी के कारण अब नारदा केस को पश्चिम बंगाल के अलावा किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित कर देना चाहिए।

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सीबीआई ने अदालत से अपनी याचिका में कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं और अब इस मामले में ममता बनर्जी को भी पक्षकार बना दिया गया है। सीबीआई की तरफ से पेश वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा,“पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री भीड़ के साथ अदालत में मौजूद थे जहां आरोपियों को पेश किया जाना था।” एजेंसी की तरफ से कहा गया, “गिरफ्तार किये गये नेताओं के अनेक समर्थकों ने यहां निजाम पैलेस में CBI दफ्तर का घेराव किया और उसके अधिकारियों को बाहर नहीं निकलने दिया, जिन्हें आरोपियों को अदालत में पेश करना था। बाद में सोमवार को डिजिटल माध्यम से आरोपियों को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया था।”

मुख्यमंत्री की अराजकतावादी नीतियों को लेकर अपनी याचिका में सीबीआई ने गंभीर बिंदु रखे हैं। सीबीआई ने हालिया घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा, “यह जांच एजेंसी को ‘आतंकित’ करने और इसे ‘अपने कार्यों को स्‍वतंत्र रूप से, बेखौफ होकर करने से रोकने के लिए एक सोची समझी रणनीति’ का हिस्‍सा था। ऐसी परिस्थितियों में उनकी कस्‍टडी की मांग करने से कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति को गंभीर समस्‍या हो सकती थी।”

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किसी राज्य की मुख्यमंत्री के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी द्वारा ‘आतंकित’ जैसे शब्दों का प्रयोग करना दिखाता है कि बंगाल में ममता सीएम पद की गरिमा भी ताक पर रख चुकी हैं। सीबीआई से उनका टकराव पहले भी हो चुका है, जब सीबीआई के ही कुछ अधिकारियों के काम में दखल देने और फिर उन्हें पुलिस द्वारा ही बंधक बनाने की बात सामने आई थी।  इन सभी परिस्थितियों के बीच यदि अब नारदा केस में जांच बंगाल से बाहर जाती है तो ये CBI के लिए कार्रवाई करने के लिहाज से बेहद सहज होगा, वहीं इससे ममता की मुश्किलें दोगुनी हो जाएंगी।

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