पश्चिम बंगाल में CBI Office पर टीएमसी के गुंडों का हमला
पश्चिम बंगाल में चुनाव खत्म हो गया, नई सरकार भी बन गई, लेकिन फिर भी कुछ नहीं बदला। अभी भी वहां की सियासत गर्म है और हिंसा का सिलसिला जारी है। दरअसल, बात यह है कि CBI Office ने सोमवार की सुबह कड़ी कार्रवाई करते हुए नारदा केस में बंगाल सरकार के दो मंत्रियों व एक विधायक समेत चार नेताओं को गिरफ्तार किया तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बौखला गई और उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और टीएमसी के गुंडों के साथ सीबीआई दफ्तर के सामने हंगामा खड़ा कर दिया।
West Bengal: TMC Ministers Firhad Hakim, Subrata Mukherjee, MLA Madan Mitra & Former Mayor Sovhan Chatterjee were brought to the CBI office in connection with Narada Scam
— ANI (@ANI) May 17, 2021
पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण की समस्या गंभीर है, अतः वहां पूर्ण रूप से लॉकडाउन भी लगा हुआ है। इसके बावजूद राज्य की मुख्यमंत्री अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पूर्ण लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाने CBI दफ़्तर पहुँच गयी। ममता बनर्जी सीबीआई द्वारा की गयी इस गिरफ्तारी का विरोध जताते हुए CBI Office के सामने ही 6 घंटों तक धरने पर बैठी रहीं। देखते ही देखते, सीबीआई दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं का हुजूम लगना शुरू हो गया। फिर क्या था, टीएमसी के गुंडों ने राज्य-भर में प्रदर्शन किया और सुरक्षाकर्मियों के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया।
आपको बता दें कि टीएमसी के भ्रष्ट नेताओं की गिरफ्तारी का रास्ता तो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ही साफ़ किया था। इसके बाद से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल पर अभद्र टिप्पणी करना शुरू कर दिया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि, “राज्यपाल सनकी हैं, खून चूसने वाले हैं। उन्हें यहां एक मिनट भी नहीं रुकना चाहिए। पागल कुत्ते की तरह इधर-उधर घूम रहे हैं।”
राज्य में इतना बड़ा बखेड़ा तब खड़ा किया गया जब ममता बनर्जी ने यहाँ पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया हुआ है। राज्य में कोरोना के मामले अनियंत्रित होता देख ममता ने बंगाल में पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया था। इस बात को अभी 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि राज्य की मुख्यमंत्री ने खुद ही अपने बनाए नियमों की धज्जियां उड़ा दी।
और पढ़ें-बंगाल हिंसा : CBI करेगी TMC के तीन नेताओं पर जांच, गवर्नर धनखड़ ने दिये आदेश
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ हो गई कि, पश्चिम बंगाल में हिंसा को हवा देने वाला और कोई नहीं बल्कि खुद राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी के गुंडों का ही है। ऐसे में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए और राज्य में शांति सुनिश्चित करनी चाहिए।