देश इस वक्त एक नहीं, बल्कि दो-दो महामारियों से जूझ रहा है। कोरोना वायरस के अलावा झूठ के वायरस ने भी देश को अपनी जकड़ में लिया हुआ है। अब मीडिया के ही एक हिस्से द्वारा वैक्सीनेशन को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। दरअसल, कुछ दिनों पहले Business Standard ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि मोदी सरकार ने Serum Institute of India के साथ वैक्सीन की खरीद को लेकर मार्च के बाद कोई करार ही नहीं किया है।
अब केंद्र सरकार के साथ-साथ SII के CEO अदार पूनावाला ने इन खबरों को निराधार बताया है और सच्चे आंकड़े देश के सामने रखे हैं।
इन भ्रामक मीडिया रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद भारत सरकार ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर स्पष्ट किया “यह साफ किया जाता है कि 11 करोड़ वैक्सीन की डोज के लिए 28 अप्रैल को सौ फीसदी एडवांस 1732.50 करोड़ (टीडीएस के बाद 1699.50 करोड़ रुपये) सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मई, जून और जुलाई के लिए दिया गया है।”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा– “कोविशील्ड वैक्सीन के पिछले 10 करोड़ डोज के ऑर्डर में से 8.744 करोड़ डोज 3 मई तक डिलीवर कर दी गई। इसके अतिरिक्त, भारत बायोटेक को 5 करोड़ वैक्सीन की डोज के लिए सौ फीसदी एडवांस 787.50 करोड़ रुपये मई, जून और जुलाई के लिए जारी किया जा चुका है।”
सिर्फ भारत सरकार ने ही नहीं, बल्कि खुद SII ने भी एक बात को स्वीकार किया है। Serum Institute of India ने एक बयान जारी कर बताया “हम सरकार के इस कथन और सूचना की प्रामाणिकता का समर्थन करते हैं। हम पिछले एक साल से भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और इसके समर्थन के लिए धन्यवाद करते हैं। हम हर एक जीवन जिसे हम बचा सकते हैं, उसके लिए अपने टीके के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
We endorse this statement, & the authenticity of the information. We have been working closely with the Government of India for the past year & thank it for its support. We remain committed to ramping up our vaccine production to save every life we can. https://t.co/tLVPjOMp51
— SerumInstituteIndia (@SerumInstIndia) May 3, 2021
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 1 मई के बाद से देशभर में 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष की आयु के नागरिकों के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जा चुका है। लेकिन कई राज्य सरकारें वैक्सीन की कमी होने के कारण इस अभियान को शुरू नहीं कर पाई हैं। राज्य सरकारें इसके लिए मोदी सरकार को ही दोषी ठहरा रही हैं।
इसी बीच मीडिया द्वारा यह भ्रामक रिपोर्ट प्रकाशित की गयी कि सरकार ने तो नई वैक्सीन के लिए कोई ऑर्डर दिया ही नहीं है।
यह दुखद है कि जिस मीडिया को इस महामारी के समय में समाज की बेहतरी के लिए एक सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए, वह उसी समाज को बरगलाकर देश में झूठी खबर फैलाने का काम कर रही है।