‘किसी भी CM ने कभी ऐसा अपमानजनक व्यवहार नहीं किया’, ममता पहले देर से आयीं फिर Cyclone की रिपोर्ट देकर चली गयीं

ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी

PC: The Financial Express

जो किसी ने नहीं किया वो ममता बनर्जी ने करने की ठान ली है, संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार करने में वो सारी महारत हासिल कर चुकी हैं। इसका एक नया उदाहरण तब सामने आया जब पीएम नरेंद्र मोदी ‘यास’ तूफान से हुए नुकसान के लिए बंगाल में बैठक करने पहुंचे थे, लेकिन ममता बनर्जी ने उनके अपमान की सारी हदें पार कर दी हैं, क्योंकि राजनीतिक कटुता के बावजूद आज तक देश के इतिहास में किसी मुख्यमंत्री ने पीएम पद का इतना बड़ा अपमान किया है। ममता का ये रवैया दिखाता है कि वो घमंड की पराकाष्ठा को पार कर चुकी हैं, इसलिए अब उन पर कड़े एक्शन की सख्त आवश्यकता है।

देश की राजनीति में अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी एक जैसे ही हैं, जो संवैधानिक पद पर बैठने के बावजूद संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल गलतियां करने के बाद ये समझ जातें हैं कि वो फंस चुके हैं तो गलती मान लेते हैं, लेकिन ममता बनर्जी… कतई नहीं। ममता बनर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी कि बीच 36 का आंकड़ा है। ममता तीसरी बार बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इतनी ज्यादा घमंड में चूर हैं कि आए दिन पीएम मोदी का अपमान करती रहती हैं। कुछ ऐसा ही उन्होंने यास तूफान को लेकर प्रधानमंत्री की बैठक के दौरान किया।

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दरअसल, यास तूफान से हुई तबाही को लेकर पीएम मोदी ने बंगाल और ओडिशा का दौरा किया। इस दौरान पीएम ने बैठक भी की, लेकिन ममता बनर्जी ने अपनी नौटंकी फिर दिखा दी। प्रस्तावित बैठक में पहले ममता आने को तैयार नहीं थीं, क्योंकि उनको चुनाव में पटखनी देने वाले बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को भी बैठक में बुलाया गया था। इसके अलावा जब वो बैठक में आई तो उन्होंने पीएम मोदी के अपमान की पराकाष्ठा पार कर दी है। ममता बैठक में 30 मिनट की देरी से आईं। इतना ही नहीं उनकी शह पर उनके अधिकारी भी इतने घमंडी हो चुके हैं कि मुख्य सचिव भी ममता के साथ ही देरी से आए, जिसके बाद ममता ने अपने अभद्र व्यवहार का एक और नमूना दिखाया।

खबरों के मुताबिक पीएम मोदी बैठक में ममता बनर्जी का इंतजार करते रहे, जिसके बाद ममता बनर्जी देरी से आईं और तूफ़ान से हुई दस्तावेज़ थमाकर तुरंत ही बैठक छोड़कर चली गई। उन्होंने इसके पीछे अपने अन्य दौरे पर होने की बात कही है। उनका ये रवैया बेहद ही आपत्तिजनक माना जा रहा है कि देश के प्रधानमंत्री को पहले इंतजार कराना और फिर बीच बैठक में ही छोड़कर चले जाना किसी भी गैर बीजेपी मुख्यमंत्री से भी अप्रत्याशित है।  इस मुद्दे पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “टकराव का यह रुख लोकतंत्र और राज्य के हित में नहीं है। पीएम की समीक्षा बैठक में सीएम और अधिकारियों की गैर भागीदारी सांविधानिकता या कानून के शासन के अनुरूप नहीं है।”

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राज्यपाल के बयान से इतर ममता बनर्जी ने जो किया है, उसके लिए बीजेपी ने भी उनकी तीखी आलोचना शुरू कर दी है। गृहमंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक ममता को लताड़ रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि ममता बनर्जी अब वो सारे काम कर रही हैं, जो आज से पहले कभी किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें भविष्य में बढ़ सकती हैं। ममता खुलकर केन्द्र से प्रत्येक मुद्दे पर टकराव ले रही थी हैं जिसका नुकसान बंगाल की जनता को हो सकता है।

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