पिनाराई विजयन के शपथ ग्रहण समारोह के भव्य कार्यक्रम में शामिल होंगे 500 से अधिक लोग

Covid-19 से उभरने के लिए केरल कर सकता हैं प्रतीक्षा

पिनाराई विजयन शपथ ग्रहण

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पिनाराई विजयन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे 500 से अधिक लोग

देश का एक ऐसा राज्य है जो अभी तक एक बार भी कोरोना संक्रमण पर काबू नहीं पा सका है- वह राज्य है केरल। आज भी केरल में प्रतिदिन 20,000 से ज्यादा नए कोरोना के मामले सामने आ रहे है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लॉकडाउन का ऐलान किया है परंतु अभी तक कोविड संक्रमण का चेन वो नहीं तोड़ पाए है। ऐसे में केरल सरकार को अपने चार जिलों में “ट्रिपल लॉकडाउन” लगना पड़ा है।

वहीं दूसरी तरफ केरल सरकार को कोरोना नियंत्रण से ज्यादा फिक्र पिनाराई विजयन को अपने भव्य शपथ ग्रहण समारोह की है। बता दें कि केरल सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 500 लोगों के साथ होगा। यह शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को आयोजित किया जाएगा। पहले शपथ ग्रहण समारोह में 750-800 लोगों को निमंत्रण देने की योजना थी। हालांकि, निर्णय की आलोचना होने के बाद इसे “एक कम महत्वपूर्ण” कार्यक्रम के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

राज्य में 8 मई से लॉकडाउन लागू किया गया है। जो कि शुरुआत में 8 से 16 मई तक घोषित किए गया था, फिर जब कोरोना संक्रमण के मामले नियंत्रण में नहीं आए तो लॉकडाउन को 23 तक बढ़ा दिया गया है। वहीं राज्य के चार जिलों में 16 मई की आधी रात से ट्रिपल लॉकडाउन लगाया गया है।

केरल सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के फैसले ने आलोचनाओं को निमंत्रण दिया है। सत्तारूढ़ पार्टी की विपक्षी पार्टी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने भी पिनाराई विजयन सरकार पर हमला बोला है और खुद को शपथ ग्रहण समारोह से अलग कर लिया है

राज्य सरकार द्वारा जारी समारोह के लिए आदेश में कहा गया है कि “समारोह स्थल में प्रवेश, प्रवेश पास के माध्यम से सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। आमंत्रितों के प्रवेश और निकास को मौजूदा शारीरिक दूरी के कोविड-19 के नियमानुसार किया जाएगा। मंच सहित बैठने की पूरी व्यवस्था मौजूदा COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुसार की जाएगी।”

इस मसले पर स्वास्थ्य अर्थशास्त्री रिजो एम जॉन ने ट्वीट कर लिखा कि, “केरल के पास एक वर्चुअल शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का अवसर था क्योंकि आईएमए ने सलाह दी थी और एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया जा सकता था। जबकि राज्य में लॉकडाउन लगा हुआ है और 500 लोगों के साथ एक स्थान पर समारोह आयोजित कहीं से देश और जनता के हित में नहीं है। इसमें भाग लेने वालों में यात्रा करके आने वाले प्रत्येक विधायक भी शामिल होंगे।”

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आज देश की मीडिया जो कि चुनावी रैली को वर्चुअली न करने के लिए हाय तौबा मचा रही थी, वह आज फिर से चुप है। बता दें कि, यह पहली दफा नहीं जब केरल में कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ाई जाएगी। अभी हाल ही में केरल के तमाम चर्चों ने कोविड-19 नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए समारोह किया था।

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