दक्षिणपंथियों के सोशल मीडिया दबाव ने दिखाया असर, दिनेश मनसेरा की मीडिया सलाहकार के तौर पर नियुक्ति हुई रद्द

Ndtv के पूर्व पत्रकार और मोदी विरोधी दिनेश मनसेरा की रद्द की गई नियुक्ति

दिनेश मनसेरा नियुक्ति रद्द

Ndtv के पूर्व पत्रकार और मोदी विरोधी दिनेश मनसेरा की रद्द की गई नियुक्ति

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मीडिया सलाहकार के रूप में पूर्व एनडीटीवी पत्रकार दिनेश मनसेरा की नियुक्ति आज रद्द कर दी गई। ऐसा लगता है कि पिछले दो दिनों से दक्षिणपंथियों का सोशल मीडिया पर दबाव काम कर गया। पहले हरदीप सिंह पूरी द्वारा “भक्तों की मौत की कामना करने वाली” मलिक्का दुआ की मदद के खिलाफ अभियान चला और फिर NTDV के मनसेरा की नियुक्ति के खिलाफ।

बता दें कि 17 मई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया जिसके बाद मनसेरा ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया। लोगों ने मनसेरा द्वारा किये गए कुंभ के खिलाफ, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर की गयी भद्दी टिप्पणियों वाले ट्वीट शेयर किया और बीजेपी के इस फैसले की आलोचना की।

बता दें कि अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए मनसेरा प्रधानमंत्री मोदी को फेकू और जुमलेबाज जैसी संज्ञाएं अपने हर दूसरे ट्वीट में देते रहे हैं। इसी पर लोगों ने ये तक सवाल उठा दिए हैं, कि बीजेपी किसी व्यक्ति की नियुक्ति से पहले उसका पूरा बैकग्राउंड क्यों चेक नहीं करती है? इस विरोध की वजह है कि ये शख्स हमेशा ही बीजेपी समेत पीएम मोदी और बहुसंख्यक समाज के धर्म के प्रति अपनी नफरत का प्रदर्शन करता रहता है।

मनसेरा ने तो सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर भी सवाल खड़े करते दिखे थे, जिसके तहत अयोध्या को राम मंदिर बनाने के लिए जमीन सौंपी गयी थी। ऐसा लगता है कि भाजपा ने अपने ऑनलाइन समर्थकों द्वारा पार्टी द्वारा की गई एक विवादास्पद नियुक्ति के खिलाफ शुरू किए गए व्यापक अभियान पर ध्यान दिया है और मनसेरा को मीडिया सलाहकार बनाये जाने वाले फैसले को निरस्त कर दिया है। बता दें कि मनसेरा के लिए एक अस्थाई पद बनाया गया था जो 28 फरवरी 2022 तक वैध था।

सौम्यादिप्त नाम के एक ट्विटर यूजर ने नियुक्ति पर सवाल उठाकर अपना गुस्सा जाहिर किया और पीएम मोदी और मौजूदा शासन के लिए मनसेरा द्वारा इस्तेमाल की गयी भद्दी शब्दावली के स्क्रीनशॉट साझा किए।

https://twitter.com/Soumyadipta/status/1394341959204970500?s=20

सौम्यादीप्ता ने ट्वीट किया कि, “आज उत्तराखंड भाजपा सरकार ने एनडीटीवी के पूर्व पत्रकार दिनेश मनसेरा को मीडिया सलाहकार नियुक्त किया। उन्होंने पहले भी नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेताओं का खुलकर मजाक उड़ाया है। उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया है। सरकारी आदेश और उनके कुछ पोस्ट इस प्रकार के हैं।“

Organizer के सीनियर पत्रकार निशांत ने ट्वीट किया कि, “NDTV पत्रकार दिनेश मनसेरा को तीरथ रावत सरकार ने नरेंद्र मोदी को गाली देने और उत्तराखंड पुलिस का मजाक उड़ाने के लिए पुरस्कृत किया गया है। उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। भगवान भला करे इनका।

TFI के columnist कृष्णा ने अपने लेख में सवाल किया कि, “आखिर हमेशा ऐसे फैसले आनन-फानन में ही क्यों लिए जाते हैं? इस परिस्थिति के बीच अब आवश्यक है कि केंद्रीय आलाकमान इस मुद्दे पर राज्य इकाई को तलब करे, वरना अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।“

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इसी तरह राष्ट्रवादियों ने बीजेपी के इस फैसले की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन tweets को आप देख कर अंदाजा लगा सकते हैं कि BJP समर्थकों ने बीजेपी पर ऐसा दबाव बनाया कि उसे अपने फैसले को पलटने पर मजबूर होना पड़ा।

 

 

https://twitter.com/squineon/status/1394330841573068807?s=20

 

https://twitter.com/PCheppudira/status/1394946741036752898?s=20

AapGhumaKeLeL0 नामक ट्वीटर यूजर ने मनसेरा को हटाये जाने के बाद ट्वीट किया कि, “सुपर स्विफ्ट एक्शन और उत्तराखंड सरकार का शानदार फैसला। नीच, मोदी और हिंदू नफरत करने वाले NDTV पत्रकार दिनेश मनसेरा को तीरथ रावत के मीडिया सलाहकार के रूप में हटा दिया गया। यह हमेशा अच्छा होता है जब कोई सरकार सुनती है और उस निर्णय में देरी नहीं करती है जिसे जल्दी से संबोधित किया जा सकता है। Great job!”

बता दें कि मनसेरा हल्द्वानी के पत्रकार हैं, जो हाल के दिनों में एनडीटीवी से जुड़े थे और पिछले दो दशकों से हिंदी में कई प्रिंट प्रकाशनों के साथ काम किया है। हालाँकि यह भी सामने आया कि वह पांचजन्य के लिए भी काम कर चुके हैं। परन्तु हाल के दिनों में हिन्दुओं और PM मोदी के लिए जिस नफरत का प्रदर्शन उन्होंने किया था, उसे देखते हुए तीरथ सिंह रावत का उन्हें मीडिया सलाहकार नियुक्त करना न सिर्फ अपने पांव पर कुल्हाड़ी थी बल्कि समर्थकों से भी धोखा था।

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