जहां देश एक तरफ वुहान वायरस और बंगाल में गुंडागर्दी की दोहरी मार से जूझ रहा हैं, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस विपदा के अवसर में भी अपने लिए लाभ अर्जित करने के अवसर ढूंढ रहे हैं। इस समय खालिस्तानी संगठन Sikhs for Justice ने भी आपदा में अवसर ढूंढते हुए ऑक्सीजन और कैश के बदले संगठन जॉइन करने का ऑफर दिया है।
Sikhs For Justice संगठन को कौन नहीं जानता? कृषि आंदोलन के नाम पर देशद्रोही तत्वों को बढ़ावा देने वाले और 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव को भड़काने में अहम भूमिका निभाने में इस संगठन का बड़ा हाथ रहा है। अब इस संगठन ने पेशकश की है कि वह जरूरतमंदों को ऑक्सीजन और इलाज के लिए पैसे देगा, बशर्तें वे उनके संगठन को समर्थन दें और SFJ की मांगों को बढ़ावा दें।
Sikhs for Justice के आधिकारिक बयान के अनुसार, “आज पूरे पंजाब में इस महामारी [वुहान वायरस] ने विकराल रूप धारण किया है। इसलिए खालिस्तान के घोषणा दिवस के 35वें वर्षगांठ के अवसर पर SFJ ne यह तय किया है कि वह हर जरूरतमन्द को 3000 रुपये की वित्तीय सहायता देगा, ताकि उसके परिवारजन ऑक्सीजन खरीद सके। हमारी इस साइट [www.oxy******jab.org] पर आइए और अपना नाम और पता भरिए। आपकी सभी जरूरतों को SFJ 24 घंटों में पूरी करेगा”।
परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं है। SFJ ने ऐसी कई वेबसाइट लॉन्च की है, जिससे वो पंजाब के अलावा महाराष्ट्र, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से लोगों को आकर्षित कर सके। फिलहाल के लिए भारतीय प्रशासन ने उक्त वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन अनेक डोमेन के जरिए SFJ भारतीय प्रशासन को चकमा देने का प्रयास कर रहा है। इन स्क्रीनशॉट्स से आप स्पष्ट समझ सकते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है।
लेकिन पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में अपील करने का क्या तुक है? कुछ महीनों पहले SFJ ने महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से अपील की थी कि वे तत्काल प्रभाव से भारत से अलग हो जाएँ और अपना अलग देश बनाएँ। ऐसे में यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि SFJ इस कथित ‘ऑक्सीजन मनी’ के जरिए अपने संगठन और नापाक इरादों को बढ़ावा देने के लिए लोग इकट्ठा करना चाहता है। SFJ को लग रहा है कि इस समय केंद्र सरकार वुहान वायरस और बंगाल में राजनीतिक हिंसा से जूझ रही है, तो यही सही अवसर है अपने देशद्रोही इरादों को अंजाम देने का, जिसपे केंद्र के साथ साथ पंजाबी प्रशासन को भी सतर्क होने की बेहद सख्त आवश्यकता है।