सऊदी अरब जाने की तैयारी कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) के प्रशासन ने पाकिस्तान को झटका दिया है। इसके तहत चीन की वैक्सीन लगवा चुके पाकिस्तानियों को सऊदी अरब का वीजा नहीं मिलेगा, यानी उन्हें आने की इजाजत नहीं होगी।
दरअसल चार दिन पहले ही सऊदी अरब ने फैसला लिया था कि चीनी वैक्सीन लगवाने वाले पाकिस्तानियों को क्वारेंटाइन में रहना अनिवार्य होगा, लेकिन उस फैसले में महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया है। अब ऐसे पाकिस्तानियों की सऊदी में एंट्री ही बैन कर दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब ने कहा है कि वो उन पाकिस्तानियों को किसी भी तरह का वीजा जारी नहीं करेगा, जिन्होंने चीन में बनी वैक्सीन लगवाई है। बता दें कि सऊदी अरब की सरकार ने चीन की साइनोवैक और साइनोफार्म वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। सऊदी अरब सरकार ने अभी तक चार टीको को ही अनुमति दी है। इसमें फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी शामिल है ।
इनमें से जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन सिंगल शॉट है। यानी इसका एक ही डोज लगता है। बाकी तीनों के डबल डोज लगाए जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उन पाकिस्तानियों को राहत दी गई है, जिन्होंने वैक्सीन ही नहीं लगवाई या फिर चीनी वैक्सीन लगवाने से बचे हुए है। हलांकि उन्हें निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही 14 दिन का क्वारेंटाइन भी पूरा करना होगा, जिसका खर्चे उन्हें स्वयं उठाना होगा। प्रस्तावित शर्तों को 20 मई से लागू किया जाएगा। सऊदी अरब का यह फैसला और भी हैरान कर देने वाला था क्योंकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रविवार रात ही सऊदी अरब के तीन दिन के सरकारी दौरे से लौटे हैं।
रमजान के महीने में की गई इस यात्रा में सऊदी अरब ने जकात के तौर पाकिस्तान को चावल के 19,032 बोरे भी दिए हैं। इसके तुरंत बाद सऊदी अरब के नए फरमान ने पाकिस्तानियों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। सऊदी अरब ने कहा है कि वो उन पाकिस्तानियों को किसी भी तरह का वीजा जारी नहीं करेगा, जिन्होंने चीन में बनी वैक्सीन लगवाई है।
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हालांकि चीन ने वैक्सीन डिप्लोमैसी के तहत यह वैक्सीन सऊदी भेजी थीं, लेकिन प्रशासन ने इसका इस्तेमाल नहीं किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब की यात्रा करने की मंजूरी सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिन्होंने फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का डोज पूरा कर लिया हो। इसमें भी एक शर्त यह जोड़ी गई है कि चीन में बनी वैक्सीन लगवाने वालों को यात्रा की मंजूरी नहीं मिलेगी।
यही पाकिस्तान के लिए समस्या उत्पन्न हुई क्योंकि वहां चीन की तरफ से दान मिलीं वैक्सीन ही इस्तेमाल की जा रही हैं। पाकिस्तान ने सिनोफार्म वैक्सीन का पहला बैच प्राप्त करने के बाद 2 फरवरी को अपना कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान शुरू किया है। पाकिस्तान सरकार द्वारा रूस से स्पुतनिक वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया, लेकिन अब तक इनका एक भी डोज पाकिस्तान नहीं पहुंचा है।
बता दें कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रिश्ते अब पहले जैसे नहीं है। सऊदी लगातार भारत का पक्षधर होता जा रहा है, इसी से नाराज हो कर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे पर OIC (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज) और सऊदी अरब को ही निशाना बना दिया।
इसके बाद नाराज सऊदी ने पाकिस्तान से उसे दिए अरबों डॉलर के कर्ज को चुकाने के लिए कह दिया था। उसके बाद से पाकिस्तान की और से सऊदी को मानाने का की कोशिश जारी है परन्तु ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अब उसके All Weather Friend चीन द्वारा विकसित किये गए वैक्सीन के कारण पाकिस्तानियों की सऊदी यात्रा पर भी ग्रहण लग गया है।