कोरोना के तांडव के मध्य भी विपक्षी पार्टियाँ राजनीति करने से बाज नहीं आ रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के CM YS जगनमोहन रेड्डी जैसे नेता लगातार वैक्सीन कंपनियों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। इसी राजनीति को देखते हुए अब Covaxin बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने खरी खोटी सुनाई है और इस तरह की राजनीति को “निराशाजनक” करार दिया है।
विपक्षी पार्टियों द्वारा भारत बायोटेक पर वैक्सीन की आपूर्ति नहीं करने के आरोप के बाद कंपनी की को-फाउंटर डॉ. सुचित्रा एला ने ट्वीट कर कहा कि उनके कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, बावजूद इसके इस महामारी के मद्देनजर कम्पनी Covaxin के उत्पादन को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरत रही है।
उन्होंने बुधवार को तड़के ट्वीट किया, “10 मई को कोवैक्सीन 18 राज्यों को भेज दिया है।सभी को छोटे शिपमेंट में भेजा गया है। कुछ राज्यों को हमारे इरादों के बारे में शिकायत कर रहे जिसे सुनने के बाद टीमों को निराश हुई। हमारे कर्मचारियों में से 50 कोविड के कारण काम नहीं कर रहे हैं, फिर भी हम महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में 24×7 काम करना जारी रखे हुए हैं।“
Covaxin dispatched 10/5/21.18 states have been covered thou in smaller shipments. Quite disheartening to the teams to hear Some states complaining about our intentions. 50 of our employees are off work due to covid, yet we continue to work under pandemic lockdowns 24×7 for U 🇮🇳 pic.twitter.com/FmQl4vtqXC
— Suchitra Ella (@SuchitraElla) May 11, 2021
भारत बायोटेक ने कहा कि वो 1 मई से ही अपनी कोविड-19 वैक्सीन ‘Covaxin’ की आपूर्ति 18 राज्यों में कर रहे हैं। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता संस्थान ने ट्वीट कर कहा कि हमारे प्रयासों में कमी नहीं आएगी, हम अपने टीके की निरंतर आपूर्ति जारी रखेंगे।
जिन राज्यों को टीके की आपूर्ति की जा रही है, वे हैं- आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
कंपनी की तरफ से इंडिया टीवी संवाददाता को कहा गया कि प्रोडक्शन और सप्लाई हमारा काम है, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार के जरिए ही आपूर्ति करते हैं। सरकार से जो भी अलोकेशन मिलता है उस हिसाब से प्रोडक्शन और सप्लाई होती है। कम्पनी 24 घण्टे काम कर रही है ताकि सप्लाई में किसी तरह की शॉर्टेज न हो।
बता दें कि केजरीवाल और जगन दोनों ने मंगलवार को पीएम मोदी को पत्र लिखा था कि देश की मांग को पूरा करने के लिए वैक्सीन की खुराक की वर्तमान आपूर्ति पर्याप्त नहीं है और वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अन्य कंपनियों को भी कोवाक्सिन टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण की मांग की गई है।
यही नहीं उसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत बायोटेक ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी को “अतिरिक्त” Covaxin खुराक नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में Covaxin का स्टॉक समाप्त हो गया है और परिणामस्वरूप 17 स्कूलों में स्थापित लगभग 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है।
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उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को टीके के निर्यात को रोकना चाहिए और देश में दो निर्माताओं के टीके के फार्मूले को बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए अन्य कंपनियों के साथ साझा करना चाहिए। यह हैरानी की बात है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री होते हुए भी सिसोदिया को यह नहीं पता कि वैक्सीन निर्यात कई दिनों पहले ही बंद हो गया था।
वहीँ उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य वैक्सीन के लिए स्वयं अन्तराष्ट्रीय कंपनियों के लिए टेंडर निकल रही हैं तो ये दिल्ली की AAP सरकार वैक्सीन आर्डर न कर ऑक्सीजन पर राजनीति के बाद अब वैक्सीन पर राजनीति कर रही है।
इतना ही नहीं महाराष्ट्र उद्धव सरकार ने तो वन विभाग के विनिर्माण इकाई के माध्यम से भारत बायोटेक के पुणे में Covaxin उत्पादन पर रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ भारत बायोटेक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारत बायोटेक की सहयोगी कंपनी बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड को कोविड -19 वैक्सीन – ‘Covaxin’ के उत्पादन के लिए महाराष्ट्र के पुणे जिले में वैक्सीन निर्माण करने के लिए अनुमति दे दी है।
यानी देखा जाये तो विपक्षी पार्टियाँ केंद्र को बदनाम करने के चक्कर में वैक्सीन निर्माता कंपनियों को हतोत्साहित करने से भी बाज नहीं आ रही है जो देश को कोरोना की मार से बचाने में जुटे हुए हैं। कई कर्मचारियों को कोरोना होने के बावजूद भारत बायोटेक राज्यों को वैक्सीन सप्लाई करने के लिए भरपूर कोशिश में जुटा हुआ है।