मध्य प्रदेश की राजनीति में हनीट्रैप का मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ने वाली है। 2019 में मध्य प्रदेश के इंदौर में सुर्खियाँ बटोरने वाले ‘हनीट्रैप’ मामले की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल ने रविवार को कांग्रेस नेता कमलनाथ से उनके कब्जे में लिया गया, एक पेनड्राइव जमा करने के लिए कहा।
कुछ ही दिनों पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के बचाव में कमलनाथ ने कहा था कि मेरे पास हनीट्रैप की पेनड्राइव है।
संबंधित CRPC प्रावधानों के तहत कमलनाथ को भेजे गए SIT नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने 21 मई को एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनके पास हनीट्रैप मामले की पेनड्राइव / सीडी है। नोटिस में कहा गया है कि पलासिया पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि यह “पेनड्राइव/सीडी अत्यंत महत्वपूर्ण सबूत है”, और यह जांच को और अधिक प्रभावी और मजबूत बनाएगा।
यही नहीं मध्यप्रदेश में हनीट्रैप की जांच कर SIT ने उन्हें 2 जून को पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी किया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि हनीट्रैप की असली पेनड्राइव उनके पास है। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार के मामले में राजनीतिक बदले की कार्रवाई की गई तो कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार की एक महिला मित्र ने भोपाल में आत्महत्या कर ली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उमंग सिंघार उससे कुछ दिन बाद शादी करने वाले थे। खुदकुशी के अगले दिन पुलिस ने उमंग सिंघार के ऊपर FIR दर्ज कर जाँच शुरू की थी। उसके बाद से ही कांग्रेस अपने नेता उमंग सिघार के बचाव में उतरी है।
इसी क्रम में 21 मई को भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि उनके पास भी हनीट्रैप की पेनड्राइव है। उनके कहने का मतलब था कि भाजपा नेताओं के हनीट्रैप वाला वीडियो उनके पास भी मौजूद है। अब उनके इसी बयान को संज्ञान में लेकर हनीट्रैप की जाँच कर रही SIT ने उनसे पेनड्राइव की मांग करते हुए नोटिस भेजा है।
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बता दें कि दो साल पहले 2019 में उठे हनीट्रैप कांड में आरोप है कि कई नेता और अफसरों की महिलाओं के साथ की आपत्तिजनक वीडियो हैं, जिस पर कोर्ट की सुनवाई हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो प्रारंभिक जांच के बाद, यह सामने आया कि पांच महिलाओं और एक पुरुष का एक गिरोह कुछ नौकरशाहों और राजनेताओं को उनकी जानकारी के बिना उन्हें अपने जाल में फंसाकर टेप बनाई और CD सार्वजनिक करने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठे।
सितंबर, 2019 में भोपाल और इंदौर में पांच महिलाओं और एक पुरुष को कथित तौर पर लोगों को फंसाने और आपत्तिजनक वीडियो के साथ ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद से इंदौर की कोर्ट में मामले पर सुनवाई चल रही है।
मामले में फंसे नेताओं के नाम आज तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। अब अगर कमलनाथ यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास पेनड्राइव है तो यह उनके लिए ही मुश्किलें पैदा करेगा।