एक्ट्रेस Munmun Dutta पर Case SC/ST Act के Misuse का सटीक उदाहरण है
हम अकसर ये बात सुनते हैं कि देश संविधान और कानून से चलेगा, लेकिन कुछ कानून राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण ऐसे बन जाते हैं जिन्हें खत्म करना सरकारों के बस में नहीं रहता, जिसकी वजह से आम जनता को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। टीवी की मशहूर अभिनेत्री और तारक मेहता का उल्टा चश्मा नामक शो से प्रसिद्धी पाने वाली Munmun Dutta भी इसी तरह के एक विवादित कानून की शिकार हो गई हैं। उन्होंने एक वीडियो के दौरान एक जातिसूचक शब्द का प्रयोग गलती से किया, जिस पर उन्होंने माफ़ी भी मांग ली, लेकिन अब उन पर SC/ST Act के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जिसके बाद अब उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं हैं।
हमारी भारतीय संस्कृति की आम बोलचाल की भाषा में कई साधारण जातिसूचक शब्द आते हैं, जिसका इस्तेमाल कभी-कभी अनजाने में हो जाता है। हालांकि, इसका मकसद किसी की भावनाओं को आहत करने का कतई नहीं होता है। इसके विपरीत उस जाति से जुड़े लोग छोटी-छोटी बातों पर आहत हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही Munmun Dutta के साथ भी हुआ है। दरअसल, ये मामला एक मेकअप वीडियो से जुड़ा है जिसमें उन्होंने फ्लो-फ्लो में बोल दिया, “मैं अच्छा लगना चाहती हूं और जाति विशेष के लोगों की तरह तो बिल्कुल नहीं लगना चाहती।” Munmun की यही बात अब लोगों को अखर रही है।
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“मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ समझा गया है” : Munmun Dutta
इस मामले में उनके खिलाफ अभियान छेड़ दिए गया हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर माफी भी मांग ली है। उनका कहना है कि उन्होंने उस बयान को हटा लिया है और वो सभी का सम्मान करती है। उन्होंने माफ़ी मांगते हुए लिखा, “यह एक वीडियो के संदर्भ में है जिसे मैंने कल पोस्ट किया था जहां मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ समझा गया है। यह अपमान, डराने, अपमानित करने या किसी की भावनाओं को आहत करने के इरादे से नहीं कहा गया था।” उनके इस माफीनामे को लेकर कोई भी कह सकता हे कि मुनमुन को अपनी फ्लो-फ्लो में कही गई बात की गलती का एहसास है, लेकिन कुछ लोग इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दे रहे हैं।
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मुनमुन दत्ता के खिलाफ SC/ST Act के तहत Case दर्ज
Munmun Dutta के खिलाफ ट्विटर पर कार्रवाई के साथ ही उनकी त्वरित गिरफ्तारी की मांग हो रही है। हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में उनके खिलाफ SC/ST Act के तहत केस दर्ज कराया गया है। वहीं अब इस मामले में नेशनल अलायंस फॉर दलित ह्यूमन राइट्स की संस्था के लोग भी कूद गए है। संस्था के संयोजक रजत कलसन ने मुनमुन के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 295A और अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम की धारा 3(1)(R), 3(1)(S) और 3(1)(U) के तहत मामला दर्ज़ कराया गया है। मुख्य बात ये है कि ये सभी धाराएं गैर जमानती हैं।
अब सवाल ये उठता है कि कोई व्यक्ति जिसने अनजाने में कोई जातिसूचक शब्द बोला हो और उसकी मंशा गलत न हो, इतना ही नहीं यदि अपनी गलती का एहसास होने पर वो व्यक्ति तुरंत बिना किसी लाग-लपेट के माफी भी मांग ले… तो क्या उस पर SC/ST Act की संगीन धारा के तहत Case दर्ज होना चाहिए? यक़ीनन नहीं, लेकिन Munmun dutta के साथ यही हुआ है। इसके चलते उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। कुछ इसी तरह से SC/ST Act का देश में सबसे ज्यादा दुरुपयोग होता है। मुनमुन एक सेलिब्रिटी हैं इसलिए उन्हें संरक्षण भी आसानी से मिल जाएगा, लेकिन एक आम आदमी जिसने अनजाने में गलती से इस तरह का कोई कृत्य किया और अब वो सलाखों के पीछे है।
SC/ST Act के तहत समाज के खास जाति वर्ग के लोगों को कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं, लेकिन उन अधिकारों का दुरुपयोग अकसर देखने को मिलता है। इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर बात करने से बचती हैं, क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक दुकानों को नुकसान हो सकता है।