“संघियों की खबर दिखाने का कोई लाभ नहीं”, Asianet की पत्रकार ने बताया बंगाल हिंसा पर लिबरलों का रुख

Asianet की देश-विरोधी पत्रकार ने बताया हिंसा के पीड़ितों को संघी और पाकिस्तानी!

ASIANET

कुछ पत्रकार ऐसे होते हैं जो एकतरफा एजेंडा चलाने में विश्वास रखते हैं। आज के दौर में ऐसे पत्रकारों का पता लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है। जब किसी बीजेपी शासित राज्य में कोई घटना होती है, तब ऐसे ही एजेंडावादी पत्रकार उस पर विस्तृत मसालेदार रिपोर्ट देने के साथ ही कुतर्को के आधार पर विश्लेषण करते हैं। हालांकि,  जब बीजेपी के नेताओं या कार्यकर्ताओं के साथ कोई अपराध होता है, तो ये चुप्पी साध कर मामला नजरंदाज कर देते हैं। कुछ ऐसा ही Asianet मीडिया संस्थान की एडिटर पीआर प्रवीणा ने भी किया है। एक दर्शक से बातचीत के दौरान वो ये तक कह गईं कि देश में कोरोना पर उनका अधिक ध्यान‌ है, बंगाल में जो मारे गए हैं वो संघी और पाकिस्तानी हैं, इसलिए उन पर ज्यादा रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए। उनका ये रुख दिखाता है कि एक विचारधारा के लिए उनके हृदय में किस हद तक घृणा व्याप्त है।

कई मीडिया संस्थानों के कई पत्रकार ऐसे देखें गए हैं, जिनका निशाना केवल बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री होते हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि अन्य राज्यों में क्या हो रहा है। Asianet की पत्रकार पीआर प्रवीणा का भी ऐसा ही चरित्र सामने आया है, जो कि अपने एक दर्शक के साथ बात बातचीत के दौरान ये तक बोल गईं कि पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है ही नहीं। वहां हिंसा में मारे गए बीजेपी समर्थकों और कार्यकर्ताओं को संघी बताते हुए उन्होंने इस मुद्दे को नजरंदाज करने की बात कही, जिसके बाद उस पत्रकार समेत Asianet संस्थान तक की फजीहत शुरू है गई है।

और पढ़ें- शाह ने हिंसा की जांच के लिए टीम भेजी तो ममता को कोरोना वायरस ध्यान आ गया

दरअसल, जब एक दर्शक ने पीआर प्रवीणा से सवाल पूछा कि कोरोना से इतर पश्चिम बंगाल की हिंसा पर रिपोर्ट क्यों नहीं की जा रही है तो उन्होंने एक आपत्तिजनक और विवादित उत्तर दिया। उन्होंने कहा, “हम जानबूझकर पश्चिम बंगाल को कवर नहीं कर रहे हैं। कोविड-19 ही एक मात्र चीज है, जिसे हम दिखा रहे हैं। हमारे परिजन, दोस्त, पड़ोसी कोविड जैसी बीमारी के कारण मर रहे हैं और हमारे पास लोगों को दफनाने के लिए जगह तक नहीं बची है। ऐसे में बंगाल के संघियों पर हो रहे हमले को दिखाने का कोई मतलब नहीं है।” किसी बड़े संस्थान की पत्रकार की इतनी ओछी भाषा में दिया गया जवाब सुनकर कोई भी हतप्रभ रह सकता है।

दर्शक ने जब उनके जवाब से ही सवाल निकालते हुए पूछा कि पश्चिम बंगाल के लोग भी तो भारतीय हैं, तो प्रवीणा ने पराकाष्ठा पार कर दी और कहा,“नहीं-नहीं वह पाकिस्तानी हैं।” इस मुद्दे पर इन महान पत्रकार की बातें किसी को भी विचलित कर सकती हैं। प्रवीणा को लेकर Asianet पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जिसके चलते अब संस्थान के संपादक ने माफी मांगते हुए अपनी पत्रकार की बातों से असहमति जताई है। संस्थान ने प्रवीणा पर कार्रवाई करने की बात भी कही है।

इस पूरे खेल में दिलचस्प बात निकलकर ये आई है कि पत्रकार पीआर प्रवीणा के पिता पीआर रमानी केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि प्रवीणा जैसी तथाकथित पत्रकार एक तरफा एजेंडा चलाने के लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ और प्रपंच फैला सकती हैं।

और पढ़ें- बंगाल में हिन्दुओं की हालत इतनी खराब है कि वो असम जाने को मजबूर हो गए हैं

एक बड़े मीडिया संस्थान के मंच का प्रयोग कर अपनी कुंठित विचारधारा के प्रसार के लिए आज कल प्रवीणा जैसे पत्रकार इसी तरह के उपायों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में Asianet संस्थान की माफी काफी नहीं होगी, क्योंकि इन जैसे पत्रकारों पर एक तरफा एजेंडा चलाने के लिए अब इनके संस्थानों को सख्त कार्रवाई करनी होगी।

Exit mobile version