“न खाता न बही, जो हम कहें वही सही” कांग्रेस पार्टी ने ऐसी ही नीति अपना ली है। कोरोना काल में टूलकिट के जरिए मोदी सरकार की छवि को बदनाम करने वाली साजिश का पर्दाफाश होने के बाद पार्टी चौतरफ़ा घिरी हुई है। ऐसे में कांग्रेस की सिफारिश पर ही ट्विटर द्वारा बीजेपी नेताओं के ट्वीट्स पर ‘manipulated media’ का लेबल लगाना और फिर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम का ट्विटर इंडिया के दफ्तर पर छापा मारना कांग्रेस के लिए खौफ का विषय बन गया है। वहीं कांग्रेस के सोशल मीडिया से संबंधित दो नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने नोटिस जारी कर दिया है, जिसके बाद अब कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस में दर्ज कराया केस वापस लेने का ऐलान कर दिया था।
ट्विटर विवाद से पहले कांग्रेस ने टूलकिट को झुठलाते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, बीएल संतोष और प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। वहीं अब जब कांग्रेस की आपत्ति के बाद ट्विटर ने संबित के ट्वीट पर ‘manipulated media’ का बैज लगाया तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने लगीं। पहले मोदी सरकार ने ट्विटर को लताड़ा और फिर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर के आफिस में रेड मारकर सभी को झटका दे दिया है। वहीं कांग्रेस द्वारा दर्ज केस में ही दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के दो नेताओं रोहन गुप्ता और राजीव गौड़ा को भी नोटिस भेज दिया है। ऐसे में अब कांग्रेस ने पक्षपात का आरोप लगाकर केस वापस लेने की तैयारी कर ली है।
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Delhi Police visited Twitter offices in Gurgaon and New Delhi yesterday to serve notice over the "toolkit" issue. The Congress had withdrawn its complaint with Delhi police, choosing to pursue the matter in Chattisgarh.https://t.co/7HWWtbYSsM
— Vasudha Venugopal (@Vasudha156) May 25, 2021
कांग्रेस अब दिल्ली पुलिस में दर्ज किए गए टूलकिट संबंधी केस को वापस लेने का ऐलान कर चुकी है। पार्टी ने इसका कारण पक्षपाती रवैए को बताया है। कांग्रेस के एक बड़े पदाधिकारी की तरफ से कहा गया, “ हमने 18 मई को शिकायत दर्ज की और दिल्ली पुलिस ने मामला बड़ा होने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। वे केवल हमसे अधिक से अधिक स्पष्टीकरण मांगते रहें। हमें लगता है कि मामले को वहीं आगे बढ़ाना बेहतर होगा जहां निष्पक्षता होगी।” ध्यान देने वाली बात ये भी है कि कांग्रेस की युवा छात्र ब्रिगेड यानी NSUI ने छत्तीसगढ़ में इस मुद्दें पर एक अतिरिक्त केस दर्ज कर रखा है।
Delhi Police Special Cell has served notices to Congress social media head Rohan Gupta and party spokesperson M V Rajeev Gowda in connection with the “Toolkit” Case
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) May 25, 2021
कांग्रेस द्वारा दिल्ली पुलिस से केस वापस लेना साफ दिखाता है कि पार्टी को दिल्ली पुलिस की जांच पर कोई भरोसा नहीं है, क्योंकि वो वहां किसी भी तरह से अपने अनुकूल दखल नहीं दे सकती है। इसलिए वो दिल्ली में तो केस वापस लेने की बात कह रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ में उसे जांच पर भरोसा है। इसका सीधा कारण ये है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ही सरकार है। प्रभारी के तौर पर असम चुनाव हारने के बाद भूपेश बघेल गांधी परिवार को खुश करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
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कांग्रेस इस पूरे मामले पर अपने मन मुताबिक जांच कराने को उत्सुक है, क्योंकि वो बीजेपी को टारगेट कर खुद को पाक साफ दिखाने की कोशिश कर रही है। कुछ इसी तरह पार्टी राजस्थान के टेपकांड में सीबीआई को केस देने से इंकार कर चुकी है। वहीं पंजाब से लेकर महाराष्ट्र तक में देखा गया है कि जिस केस में कांग्रेस मुख्य पक्षधर की भूमिका में होती है, उस केस को सीबीआई को देने से पार्टी साफ इंकार कर देती है। यही कारण है कि पार्टी टूलकिट कांड के इस पूरे केस को दिल्ली से हटाकर छत्तीसगढ़ ले जाने की तैयारी कर चुकी है, जहां उसकी अपनी सरकार है।