टॉप virologist शाहिद जमील ने कोरोना वायरस की जीनोम sequencing पैनल से दिया इस्तीफा

अचानक केंद्र सराकर की नीतियों का विरोध क्यों?

शाहिद जमील

शाहिद जमील ने कोरोना वायरस की जीनोम sequencing पैनल से दिया इस्तीफा

कोरोना वायरस की इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए खासकर कुछ चीजों की जरूरत है, जैसे कि – टीका, दवाइयां और सबसे मुख्य देश की हर एक जनता का एक साथ खड़ा होना। इस आपदा के समय में आपसी असहमति और मतभेद से सर्वोपरि है – एकता। ऐसे में देश के टॉप virologist शाहिद जमील ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए पैनल, जो कि कोरोना वायरस की जीनोम sequencing करता है, उसे आपसी मतभेद के कारण छोड़ दिया है।

आपको बता दें कि शाहिद जमील मोदी सरकार के कोरोना संक्रमण की नीतियों को लेकर सहमत नहीं थे। उन्होंने कई दफा सरकार की नीतियों की आलोचना की है। जमील का सरकार के प्रति मतभेद इतना ज्यादा बढ़ गया कि उन्होंने भारत विरोधी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने जमकर केंद्र सरकार को कोसा है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि केंद्र सरकार ने शाहिद जमील के अनुभव को देखते हुए उन्हें कोरोना वायरस के जीनोम sequencing के पैनल का नेतृत्व करने के लिए चुना था।

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शाहिद जमील ने द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए 13 मई को एक लेख लिया था। इस लेख का नाम था “How India can survive the virus”. इस लेख में डॉक्टर जमील ने भारत सरकार द्वारा दिखाये जा रहे कोरोना मामलों के आंकड़ों के ऊपर सवाल उठाए है। इस लेख में उन्होंने केंद्र सरकार को घेरने के लिए लिखा है कि केवल वैक्सीन से संक्रमण को नहीं रोका जा सकता है। सरकार को अपनी नीतियों में सुधार करना होगा। इसके साथ ही जमील ने लेख में अपनी निजी समस्या का जिक्र भी किया है कि वे भारत में साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के कड़े प्रतिरोध का सामना कर रहे हैं।

शाहिद जमील ने 9 जनवरी को द हिंदू में  दिये इंटरव्यू में भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई COVAXIN के प्रभावकारिता के ऊपर भी सवाल खड़े किये थे। साथ ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के तरीके को “Compromised” करार दिया था।

Virologist का काम यह भी होता है कि वे सरकार को वायरस से होने वाली समस्या से पहले ही आगाह कर दें, लेकिन उन्होंने द वायर (साइंस) को दिसंबर 2020 में दिये इंटरव्यू  में कहा था कि, भारत के लिए सबसे बुरा दौर बीत चुका है और मुझे नहीं लगता है भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आएगी।

आज हकीकत क्या है, सभी के समक्ष है। देखा जाए तो, virologist को ही ज्ञात नहीं था कि भारत कोरोना संक्रमण के चपेट में दुबारा आ सकता है।

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इसके बावजूद जनवरी 2021 में केंद्र सरकार ने Virologist शाहिद जमील को  कोरोना वायरस के जीनोम sequencing के पैनल का प्रमुख बनाया। जहां उन्हें केंद्र सरकार का आभार प्रकट करना चाहिए था, लेकिन इसके विपरीत अपनी निजी राजनीतिक मतभेद के कारण जमील ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

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